देश सेवा का जज़्बा किस में है?
सब में है!
देश सेवा करना कौन चाहता है?
सब करना चाहते हैं!
कितने लोग कर पाते हैं?
अब इसके जवाब में सच कहें तो हमारी 125 करोड़ की जनसँख्या में से कुछ एक ही लोग निकल के आएँगे!
इसके कारण बहुत से हैं: पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ, समय की कमी, आर्थिक परिस्थति वगेरह वगेरह| इसके बावजूद कुछ लोग हैं जो सच में देश की उन्नति के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं, कुछ कर दिखाना चाहते हैं| उन्ही लोगों के लिए दो रास्ते हैं जो सीधे-सीधे समाज पर एक सकरात्मक और उपयोगी असर डाल सकते हैं!
पहला है IAS अफसर बनके सरकारी महकमे में नौकरी करना और दूसरा है राजनीती में छलांग मार के सीधा जनता-जनार्दन के लिए कुछ कर जाना! आईये ज़रा देखें दोनों में से कौन सा रास्ता ज़्यादा लाभकारी है आपके लिए भी और देश के लिए भी|
IAS करके आप सरकारी महकमे में नौकरशाह बन सकते हैं और फिर लोगों की रोज़मर्रा की जितनी भी तकलीफें हैं, उनके हल चुनने में खुद को मसरूफ़ कीजिये| सरकारी नौकरी में लोग कहते हैं कि आप सिर्फ नौकर हैं, फ़ैसला तो ऊपर बैठे नेता लेते हैं लेकिन उन फ़ैसलों का सच्चा फ़ायदा आम आदमी तक पहुँचे, यह काम आई ए एस अफसर का ही है और इसीलिए यह काम ना तो आसान है और ना ही बिना किसी महत्व का! पर IAS में दाखिले के लिए पढ़ाई बहुत सख़्त है, रास्ता बहुत लम्बा है और नौकरी में चुनौतियाँ बहुत ज़्यादा|
आये दिन हम सुनते हैं की फलां अफसर भ्रष्ट है या फलां अफसर ईमानदार था तो उसको ट्रांसफर कर दिया गया| लेकिन इसके बावजूद बहुत से अफसर हैं जो सच में अपने काम से समाज में बदलाव ल रहे हैं और गन्दी मछलियाँ तो हर तालाब में होती ही हैं!
राजनीती की बात करें तो हमारे देश के क़ानून में कहीं नहीं लिखा कि राजनेता को कितना पढ़ा लिखा होना ज़रूरी है या कोई परीक्षा से पास होकर ही कोई राजनीती में प्रवेश कर सकता है| सच कहें तो राजनीती बुरी चीज़ नहीं है, हमारी ज़िन्दगी के हर हिस्से में राजनीती हो रही है चाहे वह घर हो या ऑफिस| हाँ जो लोग राजनीती में आये हैं देश चलाने के लिए, उन में से कुछ लोगों ने इस का नाम खराब कर दिया है| पर सोच के देखिये, राजनीती के ज़रिये कितने सारे द्वार खुल जाते हैं लोगों की मदद करने के| मिनिस्टर बनने के बाद सरकारी कोष से बजट मिलता है अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए|
उसके अलावा एक मिनिस्टर अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर समाज के लिए एक बेहतर ज़िन्दगी की तैयारी कर सकता है! अपनी सत्ता का सही इस्तेमाल कर ना सिर्फ अन्याय के खिलाफ क़दम उठा सकते हैं बल्कि न्याय कि प्रक्रिया में भी तेज़ी लायी जा सकती है!
ग़ौर से देखा जाए तो IAS या राजनीती, दोनों कामों में देश सेवा के लिए हज़ारों सम्भावनाएँ हैं!
ज़रुरत है तो बस इस बात की कि सच्चे मन और लगन से अपने कर्तव्य को निभाया जाए!
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