दोस्तों, इस दुनिया में एक से बढ़कर एक शख्सियत है.
आज हम आपको जिस शख्सियत के बारे में बता रहे हैं वे एक IAS ऑफिसर हैंं और ये ऑफिसर बेहद खास इंसान है.
ये खास इसलिए नहीं है क्योंकि IAS ऑफिसर है. बल्कि इनकी खासियत ये है कि ये IAS ऑफिसर होटलों के बाहर बचा-खुचा फेंका हुआ झूठा खाना अपने हाथों से बटोरता है. जी हां दोस्तों, तस्वीरों में आप इस ऑफिसर को बचे-खुचे खाने को बटोरते हुए भली-भांति देख सकते हैं. दिन भर के अपने कारभार को निपटाने के बाद रात के समय ये सभी होटलों के बाहर से खाना इकट्ठा करने का काम करते हैं.
ये IAS ऑफिसर फरीदाबाद में होटलों के बाहर खाना बटोरते हैं. इस बात को जानकर आप हैरान हो गए होंगे कि एक IAS ऑफिसर भरा फेंके हुए जूठे खाने क्यों बटोरता है. लेकिन जब आप इसके पीछे की असली हकीकत को जानेंगे तो आप इन्हें सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे.
इस आई. एस. ऑफिसर का नाम प्रवीण कुमार है. प्रवीण कुमार होटलों के बाहर फेंके हुए सारे खाने को इकट्ठा करते हैं और फिर उसे साफ कर उन जानवरों को खिलाते हैं, जो जानवर रोड पर बेसहारा घूमते हैं. यानी कि बेसहारा कुत्ते बिल्लियां, गाय इत्यादि जितने भी बेजुबान जानवर हैंं, उन जानवरों को प्रवीण कुमार भोजन देने का काम करते हैं.
दिनभर प्रवीण कुमार एक साहब की वेश में पुरातत्व विभाग संभालने का काम करते हैं. और काम से फुर्सत मिलने के बाद बेजुबान जानवरों के लिए भोजन का प्रबंध करते हैं.
प्रवीण कुमार फरीदाबाद के सेक्टर 15 में रहते हैं. ये जिला के उपायुक्त और नगर निगम गुड़गांव के कमिश्नर भी रह चुके हैं. वर्तमान में हरियाणा पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.
इसलिए करते हैं ये काम
प्रवीण कुमार कुछ समय पहले एक होटल में खाना खाने गए हुए थे. तब वहां उन्होंने देखा कि बर्बाद हुए बहुत सारे भोजन को कूड़े में फेंक दिया जाता है. उसी बर्बाद भोजन को देखकर उनके दिमाग में ये ख्याल आया कि क्यों ना इस बर्बाद हुए भोजन से बेजुबान जानवरों को भोजन कराया जाए. ताकि भूख की वजह से किसी बेजुबान की मौत ना होने पाए.
और तभी से प्रवीण कुमार ने होटलों के बाहर फेंके हुए बर्बाद जूठन को बीनने का काम शुरू कर दिया. बेजुबान भूखे जानवरों को भोजन कराने लगे. जहां आज दुनियां स्वार्थी लोगों से भरी पड़ी है वहीं इस तरह की इंसानियत लोगों के लिए मिसाल पेश करने का काम करती है. अगर हर किसी की सोच प्रवीण कुमार जैसी हो जाए, तो इस दुनिया में कोई भूखा ना मरे.