मुग्धा सिन्हा – अशोक खेमका तो हर किसी ने नाम सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी IAS officer मुग्धा सुन्हा का नाम सुना है?
ये एक ऐसी महिला IAS officer हैं जिनको भी कई सारे ट्रांसफर का सामना करना पड़ा है। इनकी बात हर उस वक्त की जाती है जब माफियाओं का नाम लिया जाता है। इनकी गिनती सबसे हिम्मती ऑफिसर के रुप में होती है।
मुग्धा सिन्हा और खनन माफिया
IAS officer मुग्धा सिन्हा की गिनती ईमानदार और बहादुर पुलिस ऑफिसर में होती है। इनके नाम से लोकल खनन और गैस माफियाओं तक भी डरते हैं। इनकी पोस्टिंग जहां भी होती हैं वहीं पहले से ही माफिया तैयारी करने लगते हैं कि आगे क्या होने वाला है। इनकी इच्छाशक्ति और बुराई को जड़ से मिटाने का जज्बा इतना ज्यादा है कि गंडे-बदमाश तक इनसे डरते हैं।
कौन है IAS Officer मुग्धा सिन्हा?
IAS officer मुग्धा सिन्हा 1999 बैच की राजस्थान कैडर की IAS Officer हैं। जब ये कलेक्टर बनकर राजस्थान की झुंझनु जिले गईं थीं तो ये उस जिले की तब तक की पहली महिला कलेक्टर थी। फिलहाल ये राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ( Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporation (RIICO)) में कमीश्नर के तौर पर कार्यरत हैं।
जेएनयू से की है पढ़ाई पूरी
मुग्धा सिन्हा बचपन से ही पढ़ने में तेज थीं। इन्हें अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में काफी इटरेस्ट है। इन्होंने अपनी पढ़ाई देश के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज जेएनयू से पूरी की है। इन्होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर और इंरनेशनल डिप्लोमेसी में एमफिल किया है।
करियर में आईं मुश्किलें
IAS officer की लाइफ में आने वाली मुश्किलों के बारे में तो हर किसी को मालूम ही है। मुग्धा भी इन मुश्किलों से बच नहीं सकी। जब ये झुनझुनु की पहली कलेक्टर बन कर गई तो इन्होंने शुरू से ही आम आदमियों के मुश्किलों को सुनने की पहल की। जिसके कारण इन्हें आम लोगों के बीच में काफी लोकप्रियता मिलने लगी। लेकिन इस लोकप्रियता के बीच में उनके कुछ दुश्मन भी बन गए हैं। क्योंकि मुग्धा को ऐसी जगह काम करना था जहां अब भी लड़कियों को घर के अंदर बैठने के लायक समझा जाता है।
ऐसे में मुग्धा को तो मुश्किलें तो होनी ही है। इन्होंने वहां पहुंचते ही लोकल खनन और भूमि माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया। जो डार्क जोन में गैर-कानूनी खनन का काम करते थे। इन पर लगाम लगाने के लिए आए दिन मुग्धा एक्शन लेते रहती थी। जिसके कारण ये खनन माफियाओं के बीच कुख्यात हो गई और उसके बाद इन्हें वहां से हटाने की साजिश की गई। जिसके कारण वहां से उनका ट्रांसफर श्रीनगर कर दिया गया।
गांव वाले उतरे सड़क पर
मुग्धा के ट्रांसफर के खिलाफ गांव वाले सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे। इसी से मालूम चलता है कि मुग्धा को लोग कितना चाहते हैं।
15 साल में हुए हैं 13 ट्रांसफर
मुग्धा को अपनी ईमानदारी के रुप में अब तक 13 ट्रांसफर का सामना करना पड़ा है। मतलब कि मुग्धा का 15 साल के करियर में 13 बार ट्रांसफर हो चुका है। फिलहाल इन्हें राजनीति में कोई पसंद नहीं करता और लोकल लोग इन्हें काफी पसंद करते हैं।
लाइफ मंत्रा- “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं”
मुग्धा अपने लाइफ में केवल एक मंत्र को फॉलो करती हैं कि “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं”। इस कारण मुग्धा ने अब तक अपने काम से समझौता नहीं किया है। मुग्धा किसी भी माफिया से नहीं डरती और देश के संविधान को अपनी गाइडिंग लाइट मानती है।
तो ऐसी है मुग्धा जिन्होंने अपनी ईमानदारी से देश के युवाओं को एक नई डगर दिखाई है।