दिल दोस्ती और जवानी… ये तीनों ही आपस में इस तरह से जुड़े हैं कि एक-दूसरे के बिना इनकी कल्पना नहीं की जा सकती. जवानी चढ़ते ही दिल किसी ख़ास से दोस्ती करने को बेकरार हो जाता है. ये बेकरारी तब ख़त्म होती है जब कोई अपना मिल जाता है.
लड़के और लड़कियों में एक बहुत बड़ा फर्क है. लड़के किसी भी लड़की के साथ घूमने-फिरने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन लड़कियों के साथ ऐसा नहीं होता. वो अक्सर इस बारे में सोचती रहती है कि वो उसी लड़के के पास जाएं जो उम्र भर उनके साथ रहे. वो एक ऐसे लड़के का साथ खोजती हैं, जिसके अंदर वो अपना फ्यूचर हसबैंड देख सकें. आज हम आपको बताएंगे कि लड़कियां किस तरह के लड़कों में अपना फ्यूचर हसबैंड खोजती हैं.
केयरिंग
जो लड़का लड़कियों को केयरिंग दिखता है उसी में अपना पति खोजने लगती हैं लड़कियां. लड़कियां उन लड़कों के करीब कभी नहीं जाना चाहती जो बेहद केयरलेस हो और किसी का ध्यान न रखता हो. केयरिंग लड़कों को लड़कियां हसबैंड मटिरियल समझती हैं.
ज़िम्मेदार
कॉलेज में जो लड़का बड़ी ज़िम्मेदारी से क्लास अटेंड करता है, सभी प्रोजेक्ट बनाता है और साथ ही लड़कों के साथ टाइम पास करने की बजाय वो अपने घर जाता है ऐसे लड़कों को लड़कियां बहुत पसंद करती हैं और उन्हें हसबैंड मटीरियल समझती हैं.
तमीजदार
वैसे तो ये उम्र ऐसी होती है कि तहजीब और तमीज़ क्या होता है किसी को नहीं पता, लेकिन कुछ लड़के ऐसे होते हैं जिनमें ये सब इसी उम्र में होता है. ऐसे लड़कों को देखते ही लड़कियां समझ जाती हैं की ये उनके भविष्य के लिए ठीक रहेगा. इससे अच्छा पति उनको किसी और लड़के में नहीं मिल सकता.
गंभीर
गंभीर होना हर किसी के बूते की बात नहीं है. इस उम्र में लड़के गंभीर होने से ज्यादा कूल होना ज़रूरी समझाते हैं. कॉलेज के अगर किसी लड़के में थोड़ी भी गंभीरता दिखी तो लड़कियां समझ जाती हैं कि ये उनके साथ फिट रहेगा. लड़कियां तुरंत समझ जाती हैं कि उस लड़के के साथ इनकी जिंदगी बेहतरीन कटेगी.
नो गर्लफ्रेंड
सबसे ख़ास बात तो रह ही गई. लड़कियां ऐसे लड़के को चुनना पसंद करती हैं, जिसकी अभी तक कोई गर्लफ्रेंड न हो. इस तरह के लड़के लड़कियों को हसबैंड मटीरियल लगते हिना उर वो उनके पीछे पड़ जाती हैं. इस तरह के लड़कों को लड़कियां हाथ से जाने नहीं देतीं.
अब ऐसे लड़के मिलते कहाँ हैं, लेकिन गर्ल्स अगर आपको इन सब में से कोई भी एक गुण वाला लड़का मिले तो झट से उसका हाथ थम लीजिए.