अवैध मानव तस्करी – सालों पहले अंग्रेजों ने भारत पर राज किया और यहां के लोगों का खूब शोषण किया लेकिन आजादी के बाद लगा कि भारत और इसके नागरिकों को अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा मिल गया लेकिन असल में ऐसा नहीं हुआ है।
अमेरिका की जेलों में आज भी कई भारतीय नागरिक बंद हैं। इन पर अवैध रूप से देश में घुसने का आरोप लगाया गया है।
आइए जानते हैं इस मानव तस्करी की पूरी सच्चाई क्या है।
भारत के किन राज्यों से हैं ये लोग
अवैध मानव तस्करी – अवैध रूप से अमेरिका में घुसने के आरोप में जेलों में बंद ज्यादातर लोग पंजाब से हैं। इन पर देश की दक्षिणी सीमा से गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने के जुर्म में हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों की मानें तो अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत में स्थित संघीय हिरासत केंद्र में से 40 से 45 भारतीय बंद हैं।
वहीं आरेगॉन के हिरासत केंद्र में 52 भारतीय बंद हैं। इनसे ज्यादातर कैदी सिख और ईसाई हैं। इनमें से कई लोग न्यू मैक्सिको के केंद्र में कई महीनों से बंद हैं। जबकि कुछ भारतीयों को कुछ दिन पहले ही यहां लाया गया था।
इन केंद्रों में बंद ज्यादातर लोग शरण की मांग कर रहे हैं।
हज़ारो में है भारतीयों की संख्या
अमेरिका की इन जेलों में हज़ारों की संख्या में भारतीय बंद हैं। इनमें से हजारों लोग अकेले पंजाब से ही हैं। साल 2013, 2014 और 2015 के बीच अमेरिका सीमा पर 27 हज़ार से भी ज्यादा भारतीयों को पकड़ा गया है। इनमें से 4 हजार महिलाएं हैं और 350 बच्चे हैं। देश में गैरकानूनी तरीके से रहने के आरोप में 900 से ज्यादा भारतीय विभिन्न संघीय अदालतों में बंद हैं।
35 लाख से ज्यादा वसूलते हैं
इस मामले में भारत के आला अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में अवैध मानव तस्करी, मानव तस्करों, अधिकारियों और राजनेताओं का गठजोड चलता है जो युवा पंजाबियों को अपना घरबार छोड़ गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में बसने के लिए उकसाते हैं। इस काम के लिए वो प्रति व्यक्ति से 35 से 50 लाख रुपए की रकत वसूलते हैं। अगर पंजाब सरकार सख्ती से अवैध मानव तस्करी के कानून को लागू करे तो शायद इस मुसीबत से बचा जा सकता है। अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने के मामले में भारत के गुजरात और पंजाब से सबसे ज्यादा लोग हैं।
अपने परिवार से मिले बच्चे
जैसा कि हमने आपको बताया कि सीमा पर गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने में बच्चे भी शामिल थे। परिवारों से अलग कर दिए 2500 से भी ज्यादा बच्चों में से करीब 500 बच्चों को उनके परिवार से मिला दिया गया है।
ट्रंप की सरकार में अमेरिका अपनी उस नीति पर बरकरार है जिसमें देश में गैरकानूनी तरीके से घुसने वाले लोगों पर मुकदमा चलाया जाता है। संघीय एजेंसियां उन बच्चों के लिए केंद्रीकृज एकीकरण प्रक्रिया स्थापित करने पर विचार कर रही है जो अपने परिवार से अलग हैं और उनके परिवार अमेरिका की जेलों में बंद हैं।
दोस्तों, भले ही इस मामले में गलती हम भारतीयों की हो लेकिन फिर भी अपनी जेलों में बंद कर अमेरिका ने भारतीयों को अपना गुलाम बना लिया है।
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