कंबोडिया में 1975 से लेकर 1978 तक चला इस नरसंहार में हज़ारों लोगों की क्रूरता पूर्वक हत्या कर दी गई थी. यह सिर्फ ख्मेर रूज की तानाशाही का अंजाम था. यह एक सामुदायिक नरसंहार यूटोफिया को जनता पर लादने और जनता द्वारा नहीं मानने पर किया गया था. इसमें विरोध करनेवाले शिक्षित बिजनेसमैन, डॉक्टर, शिक्षक, प्रध्यापक, वकीलों को जले में बंद करके यातनाएं दी गई थी.