द्वितीये विश्व युद्ध के बाद रूस ने भी अपने कब्जे में किए भाग पूर्वी-मध्य यूरोप से गैर जर्मन व अन्य पडोसी देश के लगभग 10 करोड़ जनता को निर्वासित किया था, जिसमें आधे से ज्यादा लोग अकाल के कारण और बीमारी ग्रस्त होकर मर गए थे. इस घटना को नरसहांर या जातीय और नस्लीय नरसंहार कहा गया क्योकि इस घटना में सिर्फ जर्मन जनता को लक्ष्य रखा गया.