1943 में जब भारत में तूफ़ान को बहाना बनाकर आकाल घोषित किया गया था, तब अच्छी उपज के बावजूद बांग्लादेश, भारत का पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा में अकाल का भयानक दौर शुरू हुआ था. वास्तव में यह आकाल प्राकृतिक त्रासदी नहीं थी, बल्कि अंग्रेजों द्वारा निर्मित थी. इसमें अनाज दुसरे देश निर्यात कर लागभग 30 लाख लोगों को भूखे रखकर तड़पा तडपा कर मार दिया गया था.