मज़ेदार

क्‍या सच में इंसान मरने के बाद 3 दिन तक जिंदा रहता है ?

इंसान मरने के बाद – जीवन और मरण दोनों ही हमारे हाथ में नहीं हैं। जीवन है तो मृत्‍यु भी जरूर ही होगी।

ईश्वर पर निर्भर इन दोनों ही बातों को लेकर हमेशा से इंसानों में कौतूहल बना रहा है। खासकर मृत्यु क्या है और मौत के बाद क्या होता है, इन सवालों के जवाब तो मानो हर कोई ही ढूंढना चाहता है।

आप भी चाहते होंगे और शायद मैं भी चाहती हूं। ये सवाल सभी के दिलों दिमाग में घूमते रहते हैं। क्या मरने के बाद आत्मा पुर्नजन्म लेती है, क्या आत्मा का कोई अस्तित्व होता है, कैसे मरने के बाद भी कईं बार लोग ज़िंदा हो जाते हैं।

ये सवाल जितने अजीब हैं उतने ही शायद इनके जवाब भी होंगे।

इंसान मरने के बाद –

आज ऐसे ही एक मुद्दे पर हम यहां आपको कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।

दरअसल आमतौर पर दिल की धड़कन बंद हो जाने में मेडिकल साइंस किसी भी इंसान को मृत घोषित कर देती है लेकिन आपको शायद ये जानकर हैरानी कि धड़कन बंद हो जाने से इंसान की पूरी तरह से मौत नहीं होती। आपको ये बात बहुत ही अजीब लग रही होगी, मै समझ सकती हूं क्योकि ये उन सब बातों से थोड़ा सा अलग है जो आप तक हमने जीवन या मरण को लेकर पढ़ी हैं।

दरअसल, डाक्टर्स एवं वैज्ञानिको के अनुसार धड़कन बंद होजाने के साथ हमारी जो प्राण शक्ति होती है वो काफी हद तक तो शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन पूरी तरह से बाहर नहीं निकलती है। जो हमारा केन्द्रीय प्राण होता है वो तो बाहर निकल जाता है लेकिन हमारा शरीर जो कि कोशिकाओं से बना हुआ है उसकी कोशिकाओं में कुछ प्राण ऊर्जा बनी ही रहती है जिसे निकलने में 72 घंटे यानी की तीन दिन का समय लगता है।

तो इंसान मरने के बाद तीन दिन के बाद ही पूरी तरह  से मृत घोषित किया जा सकता है।

ये तो आप सभी जानते हैं कि एकाएक ही किसी मनुष्य के प्राण निकलते हैं लेकिन हमारी कोशिकाओं से ऊर्जा धीरे-धीरे निकलती है। यही वजह है कि कई बार मरने के बाद मृतक को चिता पर लिटा दिया जाता है लेकिन उसके बाद भी वो जीवित हो जाता है यानी की उसकी ऊर्जा वापस लौट आती है। ऐसा भी मुमकिन है कि ये ऊर्जा एक ही झटके के लिए वापिस आए और उसके बाद फिर वापस चली जाएं तो वही ये भी मुमकिन है कि वे कई वर्षो तक जीवित रहे |

जिस प्रकार राजा ही अपनी सेना की अगुआई करता है और राजा के समाप्त होने के बाद सेना खुद ही हथियार डाल देती है ठीक उसी प्रकार केन्द्रीय ऊर्जा के समाप्त होने के बाद कोशीय ऊर्जा खुद ही खत्म होने लगती है।

इंसान मरने के बाद – अगर इस बात को धार्मिक आधार पर समझा जाए तो धार्मिक विचार धाराओं के अनुसार आत्मा जो शरीर का अस्तित्व होती है जो हमारा प्राण होता है, वो शरीर का मोह नहीं त्याग पाती इसलिए शरीर से बाहर निकलने के बाद भी कुछ समय तक वो वही भटकती रहती है जब तक कि शरीर नष्ट ना हो जाए इसलिए शरीर का दाह- संस्कार करने की प्रथा है।

Parul Rohtagi

Share
Published by
Parul Rohtagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago