परीक्षा सिर पर है, वो भी बोर्ड कि परीक्षा….. कैसे करें टॉप…. कैसे बचे तनाव से
किसी भी छात्र के लिए पहला सबसे बड़ा इम्तिहान बोर्ड की परीक्षा होती है. अभी कुछ ही दिनों में 10 वीं और 12 वीं कक्षा की बोर्ड कि परीक्षा शुरू हो जाएगी.
बोर्ड की परीक्षा को लेकर एक अलग ही माहौल हो जाता है. छात्र एक अलग तरह के तनाव से गुजरते है और इस तनाव के बीच ही घर वालों और आस पास के लोगों द्वारा दिए जाने वाले तरह तरह सुझाव और चिंता तो होते ही है. साथ ही साथ अच्छा नतीजा लाने का दबाव अलग.
हर माता पिता चाहता है कि उनकी संतान का नाम मैरिट में आ जाए. इन सब तनाव और दबाव के चलते छात्रों कि हालत खराब हो जाती है और उनकी तैयारी में कहीं ना कहीं कोई कमी रह जाती है.
आइये आज आपको बताते है कि बोर्ड कि परीक्षा कि तैयारी कैसे बिना तनाव के कैसे करें और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कैसे करें.
सीधा सरल टाइम टेबल
कम समय में अच्छे से पढाई करने को और ज्यादा से ज्यादा पाठ्यक्रम पढने के लिए समय प्रबंधन बहुत ज़रूरी है.
टाइम टेबल बनाकर पढने से आपको पता रहेगा कि कब क्या पढना है . किताब उठाने के बाद सोचना नहीं पड़ेगा कि कहाँ से शुरू करें.
अक्सर ऐसा होता है कि परीक्षा के दबाव और तनाव में छात्र ये निश्चय नहीं कर पाते कि क्या पढ़ा जाए. इस चक्कर में उनका बहुत सा समय नष्ट हो जाता है. इसलिए कम समय में ज्यादा पढने के लिए सबसे पहले समय सारिणी बनाये.
तनाव मुक्त रहे
बोर्ड कि परीक्षा एक छोटी सी परीक्षा है इसके लिए खुद को बहुत ज्यादा तनाव में लाने कि ज़रूरत नहीं है. जैसा कि अक्सर होता है अच्छे प्रदर्शन के दबाव में छात्र तनाव में आ जाते है. तनाव की वजह से उनकी पढाई पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए परीक्षा के लिए तन्मयता से तैयारी जरूर करें. लेकिन तनाव में ना रहे पूरे दिन सिर्फ इसी बारे में ना सोचते रहें.
शॉर्टकट के चक्कर में ना फंसे
ऐसा अक्सर देखा गया है कि छात्र छात्रा शॉर्टकट से सफलता हासिल करना चाहते है. पिछले कुछ सालों के प्रश्नपत्र हल करना या फिर गाइड का सहारा लेते है. पुराने प्रश्नपत्र और गाइड से मदद मिलती है लेकिन इनका इस्तेमाल आखिरी दौर कि तैयारी में करना चाहिए.
जब आप पूरा पाठ्यक्रम पढ़ लेते है उसके बाद ही ये शॉर्टकट वाले साधन अपनाने चाहिए. शुरुआत में ही इन साधनों के उपयोग से लेने के देने पड़ जाते है.
दिनचर्या का ख्याल रखें
परीक्षा कि तैयारी के समय सबसे ज्यादा ध्यान दिनचर्या पर देना चाहिए. अक्सर ऐसा होता है कि छात्र छात्रा परीक्षा की तैयारी के समय खाने पीने और नींद के साथ समझौता करने लगते है. बिना खाए पढना, रात रात भर जागना. ये सब करना बहुत ही हानिकारक होता है. परीक्षा के समय खाने पीने और सोने का पूरा ख्याल रखना चाहिए.
कहा भी गया है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है.
पॉवर नैप और छोटे ब्रेक
लगातार बहुत समय तक पढ़े रहने से दिमाग भी थक जाता है. दिमागी थकान का उस समय पता नहीं चलता लेकिन इसका असर ये होता है कि पढ़ी हुई बातें समय पर याद नहीं आती है.
दिमागी थकान से बचने के सबसे आसान तरीका पढने के दौरान छोटे छोटे अंतराल का ब्रेक लेना. ऐसा करने से आपका दिमाग फिर से तरोताजा हो जाता है. इसके अलावा आप पढाई के दौरान 10 मिनिट कि झपकी भी ले सकते है. इससे भी पढ़ा हुआ पूरी तरह याद रहता है और दिमाग एक दम ताज़ा रहता है.
मनोरंजन भी है ज़रूरी
परीक्षा शुरू होने से महीने भर पहले ही छात्र छात्रा खुद को एक कमरे में बंद कर लेते है. दिन रात तो शायद ही कोई पढ़ सकता है. लेकिन ऐसा करने से कभी कभी तनाव और अवसाद के शिकार हो सकते है.इसलिए मनोरंजन बहुत आवश्यक है. पढने के बाद थोडा समय अपने शौक को देना चाहिए. जैसे कि थोड़ा घूम लिया जाए या फिर संगीत सुना जाए. ये सब छोटे छोटे उपाय तनाव दूर करने में बहुत सहायक होते है.
तो देखा आपने कितना आसान है बोर्ड कि परीक्षा की तैयारी करना. बस समय प्रबंधन और अच्छी दिनचर्या रखिये और उसके बाद देखिये आपका रिजल्ट बेहतरीन ही आएगा.
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