प्यार से खुबसुरत अहसास दुनिया में कुछ भी नहीं है.
एक अलग ही सुकून मिलता है जब जिंदगी में कोई होता है जो आपको चाहता है, जिसका दिल आपके लिए ही धड़कता है.
आज कल कहने को तो प्यार भी फ़ास्टफ़ूड जैसे हो गया है. बस आँखे मिली और प्यार हो गया. बहुत से लोगों के लिए तो प्यार का मतलब सिर्फ शारीरिक आकर्षण ही रह गया है.
लेकिन आज भी सच्चा प्यार होता है, जब ऐसा प्यार होता है तो उसके सामने ना ही शारीरिक आकर्षण मायने रखता है ना ही कुछ और. बस दिन रात एक ही बात का ख्याल रहता है कि कैसे अपने साथी के साथ समय बीता सके. साथी की एक झलक दिन भर खुश रख सकती है.
ऐसा प्यार अगर पूरा हो जाता है तो उससे खुशनुमा बात पूरी दुनिया में नहीं हो सकती लेकिन यदि ऐसा प्यार अगर अधुरा रह जाए या किसी वजह से एक खुबसूरत रिश्ता टूट जाए तो इस बात से दर्द भरा कुछ नहीं होता.
दिल टूटने के बाद समझ ही नहीं आता कि कैसे संभाले टूटे दिल को?
वैसे भी अधिकतर प्रेम कहानियों का अंत बुरा ही होता है.
वो कहते है ना कि प्यार हर किसी का पूरा नहीं होता क्योंकि मेरे दोस्त प्यार का पहला अक्षर ही अधुरा होता है.
दिल टूटने का अहसास वो अहसास होता है जिसमे लगता है पूरी दुनिया ही उजड़ गयी है. कभी कभी तो इस हाल से निकलने में पूरी उम्र निकल जाती है तो कभी कभी इंसान इतना टूट जाता है कि वो अपनी जान तक ले लेता है.
आइये जानते है कुछ ऐसे तरीके कैसे संभाले टूटे दिल को.
आपके आसपास भी आपके दोस्त या आपके परिवार में ऐसे लोग होंगे जो प्यार में हारे होंगे. बहुत बार हमें पता भी नहीं चलता की हमारा कोई दोस्त जिंदगी के किस मुश्किल दौर से गुजर रहा है. सामने से देखने पर सब कुछ सही लगता है लेकिन अंदर ही अंदर वो रोज़ मरता रहता है.
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब रिश्ते भी नाम के रह गए है तो लोग बहुत जल्दी अवसाद में आ जाते है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा अवसादग्रस्त युवा हमारे देश में है.
आज जिस तरह हर रोज़ आत्महत्या की ख़बरें पढने और देखने को मिलती है उससे पता चलता है कि आसपास इतनी भीड़ होने के बाद भी कितने अकेले हो गए है हम.
दिल टूटने या प्यार में धोखा खाने वालों की हालत सबसे बुरी होती है क्योंकि अक्सर ऐसे लोग अपने दिल का हाल बताने में हिचकिचाते है या फिर इन्हें ये भी लगता है कि कहीं लोग उनकी भावनाओं का मजाक ना बना दे.
प्यार में असफल हो गए हो तो घबराने की ज़रूरत नहीं है.
यदि अवसाद में आ गए हो तो अवसाद दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है अपने परिवार के साथ समय बिताना. परिवार के लोगों के साथ समय बिताने पर अकेलापन दूर होता है, खुद को सँभालने की ताकत मिलती है.
अवसाद से खुद को बचाने का दूसरा सबसे आसान उपाय है पालतू जानवर.
यदि आपने कुत्ता, बिल्ली या कोई और जानवर पाल रखा है तो उसकी उपस्थिति में मन खुश रहता है. जानवरों का प्यार निस्वार्थ होता है इसलिए वो अवसाद से बाहर निकालने में बहुत सहायता करता है.
दोस्तों का साथ भी इश्क में मिले दर्द को कम करने में मदद करता है. दोस्त चाहे कमीने हो या आपकी भावना का मजाक उड़ायें लेकिन धीरे धीरे उनकी इन्ही सब बैटन से आपको लगने लगता है कि कोई इतनी भी बड़ी बात नहीं हुई की दिल टूटने पर जान दे दी जाए.
प्यार में असफल होने पर एक बात का हमेशा ध्यान रखें अकेले बिलकुल न रहे. ज्यादा से ज्यादा वक्त लोगों के साथ बिताएं, खुद को व्यस्त रखें और हाँ नशे से बचें.
अवसाद की स्थिति में नशा करने के बाद ही अधिकतर लोग अपनी जान लेने की या खुद को नुक्सान पहुँचाने की कोशिश करते है.
दिल टूटने पर बुरा लगता है लेकिन ऐसा होने पर दुनिया खत्म नहीं होती,याद रखो जान है तभी तो जहान है.
जिन्दा रहे तो क्या पता जिंदगी दूसरा मौका भी दे दे.