मन को ना मारे
हमें भी पता है कि उनसे दूर रहकर आप भी कुछ ज़्यादा ख़ुश वहीं हैं। ऐसे में जब अंदर से आपका दिल उनसे मिलने को कहता है तो रोक कैसी। ये टीस कैसी ? ये झिझक कैसी? बात मानिए अपने दिल को मत रोकिए बस बढ़ा दीजिए क़दम।
कभी भी रिश्ते में इतनी देर नहीं होती कि उसे सुधारा न जा सके, बस ज़रूरत होती है पहल करने की। दिल की बात मानकर उनकी ओर चलने की।