कई बार ऐसा होता है कि हम सामने वाले की दिल की बात जानना चाहते है लेकिन वह बोलना ही नहीं चाहता है.
ऐसे में हम खुद ही मन ही मन में परेशान रहते हैं और सोचने लगते है कि ऐसा क्या करें की सामने वाला अपने दिल की बातें बोल दे. लेकिन कुछ भी समझ नहीं आता और हम बेचैन रहने लगते है.
इस स्थिति में सामने वाले की दिल की बात जानने के लिए कुछ तरीके आजमाने से सामने वाला अपने दिल की बात बोलेगा ही बोलेगा.
तो आइये जानते हैं कैसे बुलवाएँ दिल की बातें –
1 – भावनात्मक करके
किसी से दिल की बात बुलवाने के लिए उसको इतना भावनात्मक कर दो की उसको अपने दिल की बातें बोलने के लिए आपसे अच्छा कोई ना लगे और कोई दूसरा समझ न आये.
2 – उकसा कर
जब किसी को दिल की बात बुलावानी है तो उसको इतना उकसा दो कि वह उतावलेपन में अपने दिल की बातें उगलने पर मजबूर हो जाये.
3 – भड़का कर
कई बार दिल की बात बुलवाने के लिए भड़काना पड़ता है. जिससे आप सामने वाले को इतना भड़का दो कि वह गुस्से में और आक्रोश में आकर अपने दिल की बाते बोलने लग जाए.
4 – उसके जैसे बनकर
जब सामने वाले को एहसास होता है कि आप उसके जैसे ही दुखी – खुश या सोच वाले हो तब सामने वाला अपनी दिल की बाते बोलना शुरू कर देता है.
5 – अँधेरे में तीर चलाकर
जो बात बुलवानी है, उसके आधार पर तर्क पूर्ण और यकीन करने वाली बाते बोलने से सामने वाला डर कर या उलझकर अपने आप ही दिल की बात बोलने लगता है.
6 – माहौल तैयार करके
दिल की बात बुलवाने के लिए सही माहौल बनाकर सामने वाले को यह एहसास दिलाएं कि अपने दिल की बात बोलने के लिए इससे बेहतर जगह और माहौल नहीं होगा. इस हाल में भी सामने वाला अपने दिल की बात बताने लगता है.
इस तरह से तरीकों से आप किसीके दिल की बातें जान सकते है. तो इन सब तरीकों को जरुर आजमाए, आप जो सुनना चाहते है वो सुन पायेंगे.