5. दुःख में ही प्रार्थना ना करें
असली असरदार और फलदायी प्रार्थना तो सुख में ही हो सकती है. आप अगर मात्र दुःख आने पर भगवान को याद करते हैं तो आप स्वार्थी हैं और तब आपकी प्रार्थना असरदार नहीं हो सकती है. आप सुख में प्रार्थना करें और तब आप देखेंगे कि आपके पास दुःख नहीं आएगा.