आजकल की युवा पीढ़ी बड़ी ही दृढ और आत्मविश्वासी हो गई है.
वह अपने फैसले खुद लेने में विश्वास रखती है. इसी तरह अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण फैसले जैसे जीवनसाथी के बारे में या शादी को लेकर, लोग अब खुद लेना पसंद करते हैं. इसी के साथ वह इस बात को लेकर भी जागरूक है कि किस समय क्या सही है और क्या गलत. उनके लिए खुद के पैरो पर खड़े होना बेहद ज़रूरी है और यहाँ यह बात लड़का और लड़की दोनों पर ही लागू होती है. मुख्य बात आती है जब आप अपने जीवन के फैसले के बारे में अपने माता पिता को बताना चाहते हैं.
हमें कई बातों का ध्यान रखना होता है जब इस तरह का कोई खुलासा हो.
यह बहुत ज़रूरी है के माता पिता को कुछ भी बताने से पहले अपने आप में सारी बातें निश्चय करें और पहले खुद इस बात का निर्णय करें कि जिस इंसान को आपने चुना है वह सही है या नहीं. यह बात बड़ी ही अहम् है कि हमारे माता-पिता कभी भी हमारा बुरा नहीं चाहेंगें.
माता या पिता में से जिनसे आप ज्यादा करीब हैं और जिनसे आप अपनी सभी बातें शेयर करते हैं तो पहले उन्हें बताने से चीज़ें कुछ आसान हो सकती हैं. कई मा-बाप इन बातों को लेकर खुश होते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए इस बात को स्वीकार करना कुछ मुश्किल हो जाता है.
ऐसे में धैर्य से काम लेना बहुत ज़रूरी हो जाता है.
आप जिस व्यक्ति को पसंद करते हैं, उसके बारे में आपके माता-पिता को बताते वक़्त यह ध्यान रखे कि उनकी नकारात्मक बातें तुरंत और एक साथ न बताएँ. पहले अच्छी बातों पर ध्यान दे कर उन्हें अपने रिश्ते पर यकीन दिलाएं.
यह ध्यान रहे कि जब तक आपके माँ-बाप आपकी इस बात से सहमत नही होते तब तक मिलाने कि जल्दबाज़ी न करें. यह ध्यान रहे कि वे इस स्थिति में हो कि आपकी बातें स्वीकार कर सकें और सकारात्मक तरीके से आपको मदद कर सकें.
भारतीय परिवारों में जब भी हम एक लड़का और लड़की के रिश्ते की बात करते हैं तो दोनों के परिवारों पैर ख़ास ध्यान दिया जाता है. तो जब भी आप अपने रिश्ते के बारे में बताएँ तो उसके परिवार का ज़रूरी विवरण भी अपने माता-पिता को दें. बेहतर यही होगा के आप कुछ छुपाने की बजाय इमानदारी से सभी बात बताएँ ताकि आगे भविष्य में चीजें कुछ आसान हो सकें.