शिक्षा और कैरियर

पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ ऐसे पाएं अपनी पसंदीदा नौकरी

पढ़ाई पूरी करने के बाद पसंदीदा नौकरी पाने के लिए युवा कुछ व्यावहारिक उपक्रम करके मन की राह पर आसानी से चल सकते हैं.

देखा जाए तो आज कल ज्यादातार कंपनियां प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन के अलावा किसी कैंडीडेट में जिन गुणों की तलाश करती हैं, उन्हें तीन मंत्रों के रूप में समझा जा सकता है- पहला है व्यावहारिक ज्ञान, दूसरा है आत्मविश्वास एवं तीसरा है अंग्रेज़ी भाषा का व्यावहारिक ज्ञान होना.

पसंदीदा नौकरी पाने के लिए –

व्यावहारिक ज्ञान का उदाहरण इस तरह से समझा जा सकता है कि जब आप किसी कंपनी में एचआर बनना चाहते हैं तो आपमें नौकरी देने वाली साइट्स से उपयुक्त आवेदकों का चुनाव करने और उनसे बातचीत के आधार पर उनकी योग्यता पता करने की काबिलियत आपमें होनी चाहिए.

इसके अलावा आपको नए कर्मचारियों को ईआरपी सॉफ्टवेयर पर ऑन-बोर्ड करना भी आना चाहिए. इसमें अपॉइंटमेंट लेटर या अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार करना भी शामिल है.

एचआर फील्ड में कई छोटी कंपनियां होती हैं जो प्लेसमेंट का काम करती हैं.

इन कंपनियों में जूनियर कर्मचारी उपरोक्त सभी काम करते हैं. इस फील्ड में जाने की ख्वाहिश रखने वाले कैंडिडेट्स को इससे जुड़ी 10 कंपनियों की लिस्ट बनाकर उनसे संपर्क करना चाहिए.

उन्हें फ्री में या केवल जेब खर्च लायक पैसे पर कार्य करने का प्रस्ताव दिया जा सकता है. अमूमन ऐसी कंपनियों के पास स्टाफ की कमी होती है और वे ज़्यादा पैसे भी नहीं दे सकतीं.

ऐसे में वहां काम मिलने की संभावना ज़्यादा होती है. जेब खर्च लायक भी पैसे मिल जाने से आपका आने-जाने का खर्चा निकल आएगा और इसी के साथ आपको वहां कार्य करने का अनुभव भी मिल जाएगा. वहीं, अपने ऑफिस में अगर आप कुछ ही महीनों में बेहतरीन कार्यकुशलता दिखाते हैं तो हो सकता है कि कुछ ही महीनों में आपकी वहां सैलरी भी बढ़ जाए.

चुनौतियों से घबराए बिना उनका डटकर सामना करने से खुद का आत्मविश्वास बढ़ता है. वहीं, शुरुआत में एक छोटी सी कंपनी में नौकरी मिलने से भी आपका कॉन्फिडेंस लेवल काफी हद तक बढ़ जाता है. क्योंकि ऐसी कंपनियों में कार्य करते वक़्त आपको एक साथ कई तरह के कार्यों को अंजाम देना पड़ जाता है जिससे आपके अंदर मल्टीटास्किंग के गुण विकसित होते जाते हैं.

आज हमारे जीवन में अंग्रेज़ी की भूमिका को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता. फिर भी लोग अंग्रेज़ी बोलने से घबराते हैं, पर क्यों? कई बार ऐसा देखने-सुनने को मिल जाता है कि सब कुछ आते हुए भी सिर्फ अंग्रेज़ी न बोल पाने के कारण किसीकी एक अच्छी-खासी नौकरी हाथ से फिसल गई. कोई नहीं चाहेगा कि उसके साथ ऐसा कुछ हो इसीलिए खुद पर हौसला रखें और आगे बढ़ें. आप जब बड़ी-से-बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं तो फिर अंग्रेज़ी बोलने से क्यों डरना? आप चाहें तो इस कमज़ोरी को अपनी ताकत बना सकते हैं. शुरुआत के लिए आप धैर्य बनाए हुए रोज़ एक अंग्रेज़ी अखबार पढ़ने की आदत डाल सकते हैं. पढ़ते वक़्त जो भी शब्द आपको समझ में न आए उन्हें उनके अर्थ जानकर अपनी डायरी या कॉपी में साइड में नोट कर लें.

इन युक्तियों और मंत्रों पर अमल करके कोई भी युवा अपनी पसंदीदा नौकरी हासिल कर सकता है. तो फिर देर किस बात की? निकल पड़िए अपनी मन की राह पर…

 

Devansh Tripathi

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