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क्या आप में भी हैं सुसाइडल टेण्डेंसीज़? ये पढ़ना ज़रूरी है!

सुसाइड करना यानि कि अपनी ज़िन्दगी अपने हाथों से ख़त्म करना एक बहुत ही दर्दनाक ख़याल है जो किसी को भी, कभी भी आ सकता है!

हम सब रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की हज़ारों मुश्किलों से लड़ते हैं और हम में से कुछ जल्दी थक जाते हैं|

थकान और दर्द की वजह से ही सुसाइड के ख़याल पनपते हैं लेकिन ख़याल आना और उन्हें अंजाम देने में बहुत फ़र्क है! यह आपके हाथ में है कि आप इन ख्यालों से कैसे लड़ें और उन्हें दूर भगाएँ!

एक कोशिश है ये बताने की कि ऐसे ख़याल आएँ तो क्या करना चाहिए! सुसाइडल टेण्डेंसीज़ को कैसे दूर करना चाहिए!

1) सबसे पहले तो ऐसे ख़याल आते ही कहें कि ठीक है सुसाइड कर लूँगा लेकिन 48 घंटे के बाद! सुनने में मज़ाक लग रहा होगा लेकिन इसके पीछे की साइंस ये है कि आप कितने भी डिप्रेस्ड हों, ख़ुद की जान लेने के विचार कुछ ही पलों के लिए आते हैं और अगर आपने उन पलों को टाल दिया तो फिर सब ठीक है! हर दिन कुछ नया लेकर आता है और एक बार आप सुसाइड करने की मजबूरी को दबा गए तो दुबारा ऐसे ख़याल आने मुश्किल होंगे!

2) इसके बाद अगला क़दम होना चाहिए एकदम से अपने प्रियजनों, दोस्तों, परिवार वालों की मदद लें, उनसे अपने दिल का हाल बाँटें! बात करने से दिल हल्का होता है और जो आपके अपने हैं, वो आपकी मदद ज़रूर कर पाएँगे!

3) अगर दुःख इसी बात का है कि कोई अपना नहीं है तो जल्द से जल्द मेडिकल हेल्प लें, किसी हॉस्पिटल या प्राइवेट नर्सिंग होम में किसी साइकेट्रिस्ट से मिलें जो आपको सही दवा दे पाएँगे और आपकी मदद कर पाएँगे!

4) अपने विचारों को लेकर बिलकुल भी शर्मिंदा ना हों और जान लें कि ये सिर्फ़ विचार हैं और इनका आप पर इतना बस नहीं है कि आपसे कुछ करवा सकें! ये सिर्फ़ दिमाग़ में शोर मचा सकते हैं, उस से ज़्यादा कुछ नहीं!

5) अपने आप से प्यार करें और सीखें कि कुछ भी हमेशा परमानेंट नहीं रहता! अगर आज हताश हो रहे हैं तो कल ख़ुशियाँ भी आएँगी! अपने बारे में जानें कि वो क्या बातें या चीज़ें हैं जो आपको डिप्रेस करती हैं और फिर कोशिश करें उन से दूर रहने की|

ज़रा सोचियेगा कि आपके बाद आपके घरवालों पर क्या बीतेगी, क्या उनके लिए आपके जाने का दुःख सह पाना आसान होगा? और उस से भी ज़रूरी विचार ये है कि क्या आपकी ज़िन्दगी इतनी सस्ती है कि मुसीबतों को देखते ही कौड़ियों के मोल बिक जाए? नहीं, आपकी ज़िन्दगी बेहद कीमती है और आपको उसे यूँही नहीं व्यर्थ ख़त्म करना!

सुसाइड हल नहीं है, किसी भी मुसीबत का!

Nitish Bakshi

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