भारत में इस वर्ष मौसम का मिजाज कुछ और ही है.
पिछले साल का मौसमी चक्र थोडा बेढंग जरुर रहा. लेकिन इस साल का मौसम पता नहीं क्या गुल खिलायेगा.
गरमी का मौसम शुरू हुआ साथ में बारिश भी कई बार आई. मानो बरसात का मौसम शुरू होने जा रहा हो.
जबभी बरसात शहरों में अचानक होती है, तब यातायात बिगड़ जाता था. गांव और कुछ छोटे शहरों में ओलवृष्टि से किसानो को भारी नुकसान भी सहना पड़ता है.
भारत में इस तरह के नुकसान दायक वर्षा गरमी के मौसम में इस बार बेहद करीब से देखा है.
अब जल्द ही मानसून का आगमन होगा. गरमी के कुछ चंद दिन रह गए है.
भले गरमी के मौसम में बरसात कभी भी होती, पर गरमी का रोष कायम रहा है.
इस चुभती. चिपचिपी, और चिलचिलाती गरमी में घमौरिया का पावडर बेअसर रहा है. ऐसे में इस गरमी से कुछ पल राहत पाने के लिए लोग क्या करते है?
अपने ही इर्दगिर्द ऐसे लोग होते है, कई बार हम भी इसी भीड का हिस्सा बनते है.
यही सारे किस्से अब हम जानेंगे.
सभी के बजट में है गरमी के मौसम में यह ठंडी जगह
ATM
इस साल की गरमी को देखते हुए, यह नकारा नहीं जा सकता कि गरमी का अहसास २४/७ रहा है. आप कितने भी फ्रेश होकर जहा कही से भी निकलते हो, गरमी का अहसास होना ही होना है. सोचिये उन लोगों के बारे में जिनको दफ्तर, कालेज या फिर व्यवसाय के संबंध में रोजाना घरसे निकलना पड़ता है.
ऐसे समय एटीएम के सामने कतार में रुकना पड़ा तो कैसा लगेगा आपको?
गरमी से पहले ही पस्त व्यक्ति ऐसे वक़्त सूरज की तेज़ किरणे झेलता एटीएम की कतार में बेबस होकर रुकता ही है.
कोई और चारा भी नहीं होता. रहत तब मिलने लगती है, जब इंतजार के बाद एटीएम के भीतर जाने का वक़्त आता है, उस वक़्त खुश होता है.
मगर यह ख़ुशी नंबर आने की वजह से नहीं होती है. यह ख़ुशी कुछ पल एटीएम की ठंडी a/c की हवा मिलने से होती है.
ऐसे लगता है कि कुछ पल और रुकूँ, जिससे बाहर की चुभती गरमी से थोड़ी तो रहत मिल सके.
बैंक
गरमी में यहा तो लोग बड़े आराम से काम करते है.
कोई भी ऐसा काम हो जिससे बैंक में जाना पड़े, तो उस काम को लेकर कोई बैंक में जल्दबाजी नहीं करता है.
सब जबरदस्ती इस तरह काम करेंगे मानो थोड़ी भी हडबडाहट हो जाए तो काम गलत हो जाएगा.
लेकिन सोच असल में कुछ और होती है. गरमी में ठंडी हवा का खाने का इरादा इन लोगो का होता है.
काम तो केवल बहाना रहता है.
आपने भी यह अनुभव किया होगा, कतार में आगे या फिर पीछे कोई तो ठंडी हवा खाने आया हूवा बंदा मिला ही होगा. जिसके वजह से आपको अधिक भी रुकना पड़ा होगा.
गारमेंट / ज्वेलरी दूकान
आमतौर पर वातानकुलित बड़े बड़े गारमेन्ट और ज्वलेरी की दुकाने भीडभाड के इलाके में होती है.
जिससे लोग ज्यादा शॉपिंग करने आ सके.
मगर यही वो सारी जगह है जहा अधिक गरमी होती है.
सोचिये एसे समय आप सड़क पर सजी दुकानों पर शॉपिंग कर रहे है, तो धूप और गरमी से बचने के क्या उपाय किये थे. या फिर ऐसे करते हुए कही आपने जरुर देखा होगा.
मुंबई के दादर और बांद्रा जैसे इलाकों में लोग हमेशा सड़क पर लगे स्टॉल से रोजमर्रा की शॉपिंग करते है. वही कही बड़ी दूकान जैसे ज्वेलरी और गारमेंट शॉप का जहाँ दरवाजा खुलता हो, वहा बाहर आपको लोग अक्सर खड़े हुए मिलेंगे.
ऐसे दुकानों से आने वाली ठंडी हवा का, चुभती गरमी में अनुभव करना बेहद सुखकारक लगता है.
शॉपिंग मॉल
यह वो जगह है जहा घर के फैन या कूलर से भी अधिक राहत मिलती है.
खाली वक़्त हो या फिर कुछ देर मटरगश्ती करना हो.
गरमी में मॉल से बेहतर जगह कही नहीं मिलेगी.
यह वो जगह होती है जहाँ ख़रीदे या ना खरीदे मुफ्त में ठंडी हवा जरुर मिलती है.
ऐसे कई किस्से आपके दिमाग में अब आने लगे होगे. ठंडी पानी कि बोतल को चेहरे पर घुमाना. रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खोल कर ठंडी हवा लेना.
यही चुभती और चिपचिपी गरमी खत्म होने वाली है.
इससे पहले गरमी के इन मजेदार किस्से याद करके नए मानसून के स्वागत के लिए तैयार हो जाइए.