पानी की कमी आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है.
इस समस्या के कई कारण है लेकिन कोई उपाय नज़र नहीं आ रहा है.
लेकिन इस समस्या के लिए भारत की एक बच्ची ने किया एक अनोखा अविष्कार!
हर बच्चे का बचपन खेल कूद में बीतता है.
लेकिन आज हम आपको जिस बच्ची के बारे में बता रहे हैं उसने एक ऐसा आविष्कार किया है जिससे पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है.
महाराष्ट्र के नासिक जिले में रहने वाली एक छोटी सी बच्ची, जो छठवी कक्षा की छात्रा है. उसने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिससे पानी की ज्यादा खपत को रोका जा सकता है.
इस बच्ची का नाम है श्रुस्ती नेरकर. इसने पानी की समस्या को ख़त्म करने के लिए जो आविष्कार किया है वह सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी लाभदायक है .
श्रुस्ती ने एक ऐसे शावर नोजल का निर्माण किया है जो पानी की खपत को रोकेगा इस आविष्कार से शावर से आने वाले पानी में 83 फीसदी से भी अधिक कमी आएगी.
एक सामान्य शावर में प्रति व्यक्ति करीब 80 लीटर पानी की बर्बादी होती है लेकिन श्रुस्ती के बनाए इस नोजल से मात्र 15 लीटर पानी से काम हो जायेगा.
श्रुस्ती ने यह आविष्कार अपने पापा के साथ वाहन की धुलाई करते वक़्त पानी की खपत को देखते हुए सोचा.
श्रुस्ती ने पांच बार अलग अलग पाइप का चुनाव करते हुए यह प्रयोग किया और अंतिम पांचवी बार में वह कामयाब हो गई. अंतिम निर्णय में उसने इलेक्ट्रिक वायर पाइप और पीवीसी पाइप का भा प्रयोग किया और आखिर में उसने फोल्डेबल पाइप्स का चुनाव किया.
अपने इस आविष्कार को श्रुस्ती ने कुछ इस तरह से बनाया है कि जिससे पानी के बहाव को रोका और मोड़ा जा सके.
मीडिया खबरों के अनुसार इस तकनीक से 80 लीटर की जगह, सिर्फ 15 लीटर पानी का उपयोग होगा. अर्थात् प्रति व्यक्ति 65 लीटर पानी की बचत होगी.
इस तकनीक से बचे पानी की मदद से 17 लाख लोगों को 34 दिनों तक पहुंचाया जा सकता है.
वर्तमान में लगभग 80 करोड़ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा जबकि 2.5 अरब लोगों को गंदे पानी से अपना गुजरा करना पड़ रहा है.
श्रुति के इस तकनीक से न केवल पानी की बर्बादी और खपत रुकेगी बल्कि पानी की समस्या से जूझ रहे लोगो को सहायता मिलेगी.