जवानी वैसे तो दीवानी होती है लेकिन जवान होने की प्रक्रिया आपको दीवाना कर देती है!
आसान नहीं है बचपने को छोड़ युवा अवस्था में क़दम रखना| ना सिर्फ शरीर में बल्कि मन भी बहुत बदलाव आते हैं, सोचने की प्रक्रिया बदल जाती है और हर समय एक कन्फ़्यूज़्ड सी हालत होती है|
इस सबके पीछे कारण हैं युवावस्था के हॉर्मोन्स!
जी हाँ यह वो हैं जो आपको लड़के से आदमी और लड़की से औरत बनाते हैं| इनको कंट्रोल करते हैं एड्रेनल ग्लैंड्स और जब आप बहुत ज़्यादा चिंता में होते हैं तो यही ग्लैंड्स, कोर्टिसोल नामक स्टेरॉयड पैदा करते हैं| इसी की वजह से आपका वज़न बढ़ता है और दूसरे कई हार्मोनल इम्बैलेंसेस भी होते हैं! कुछ तो प्राकृतिक है और कुछ हार्मोनल इम्बैलेंस के पीछे हमारी अपनी गलतियाँ भी हैं जो हमारे लिए ही मुसीबत बन जाती हैं|
चलिए आपको बताऊँ कि कैसे आप अपने लाइफस्टाइल को बदल कर इन युवावस्था के हॉर्मोन्स के चुंगल से खुद को मुक्त करवा सकते हैं:
1) खाने पर ध्यान
आजकल आम से मिलने वाला जंक फ़ूड और बहुत से दूध के बने मोटापा बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स में ऐसे केमिकल होते हैं जो हार्मोनल इम्बैलेंस को बढ़ावा देते हैं| बेहतर है कि जितना हो सके घर का बना पौष्टिक आहार लें| यह आपके बढ़ते शरीर के लिए तो अच्छा है ही, मन को भी शांत रखेगा और जो रह-रह कर डिप्रेशन या इन्सेक्युरिटी के ख्याल आते हैं, उन्हें भी कंट्रोल में रखेगा!
2) ख़ूब सारी नींद
युवा अवस्था में हमें लगता है कि हम 24 घंटे जाग सकते हैं, काम भी कर सकते हैं और पार्टी भी| लेकिन याद रखो दोस्तों, अगर नींद पूरी नहीं हुई तो वो आपके शरीर में ऐसे केमिकल्स को जन्म देगी जो आपके हॉर्मोन्स के साथ छेड़ा-छाड़ि करेंगे, यानि कि चेहरे पर पिम्पल्स, मोटापा और जाने क्या-क्या! इसलिए, चद्दर ओढ़ के नींद पूरी कर लो!
3) ब्यूटी प्रोडक्ट्स
ख़ूब शौक़ है ना सजने-संवरने का? उसके लिए ढेरों क्रीम्स, पाउडर और जाने क्या-क्या ख़रीदा होगा| लेकिन ध्यान रहे, इन सभी में ऐसे केमिकल्स पाये जाते हैं जो हमारे शरीर में जाके कोहराम मचा देते हैं और नतीजा होता है त्वचा ख़राब होना, किसी भी चीज़ में मन ना लगना, मूड कभी भी बदलते रहना! कोशिश करो कि प्राकृतिक ब्यूटी प्रोडकट्स का इस्तेमाल हो जिस में केमिकल्स ना हों!
4) शराब–सिगरेट
इन से तो कोसों दूर रहो क्योंकि ना सिर्फ यह शरीर के अंदरूनी ओर्गन्स के लिए खराब हैं, बल्कि आपकी चढ़ती जवानी में हज़ार दिक्कतें पैदा कर सकते हैं जिनका असर ज़िन्दगी भर रहेगा! यहाँ तक कि पानी भी पीना है तो कोशिश करो कि प्लास्टिक की बोतलों से ना हो!
5) बातचीत
अकेले मत लड़ो यार, इस उम्र में ऐसी बहुत सी नयी बातें होती हैं जिनका जवाब नहीं मिल पाता और फिर फ़्रस्ट्रेशन हो जाती है| ऐसा होने का मतलब है सीधा आपके शरीर और दिमाग़ पर उल्टा असर! बेहतर है अपने माँ-बाप को दोस्त बना लो या ऐसे दोस्त बनाओ जिनके साथ दिल का हाल बाँट लो! चाहे वर्जिश करते वक़्त या यूँही हैंग आउट करते हुए एक दुसरे की मुश्किलों के बारे में जानो और हल ढूँढो! बस, हर बात दिल में मत रखो!
बचपन से जवानी के दिन बदलाव के होते हैं और कई बदलाव ऐसे हैं जो आपको समझ नहीं आते| कोशिश यही करो कि एक अच्छा सेहतमंद जीवन जियो और इस दौर के मज़े उठाओ! ज़िन्दगी में एक ही बार यह कमाल का वक़्त आता है जब सब कुछ नया, सब कुछ हसीं होता है!
जी भर के जियो!
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