हम माँ-बाप से जितना भी प्यार करें, उनके अनुशासन और सख़्ती से डरते भी हैं|
शायद इसीलिए हमारे दिल में उनके लिए प्यार और इज़्ज़त रहती है, वो दोस्तों वाली बात नहीं|
लेकिन जो वो करते हैं, वो उनका फ़र्ज़ है| अब हम कैसे उनकी बात मानते हुए और अपने मन की भी करते हुए उन्हें अपना दोस्त बना लें, यही तो कमाल है! इस रिश्ते में अगर दोस्ती हो जाए तो आधी से ज़्यादा दिक्कतें आसान हो सकती हैं| चाहे वो ड्रग्स, पार्टी, पढ़ाई की समस्या हो या बढ़ती उम्र की| सब आसान हो जाता है, जब दोस्तों जैसे आप अपने दिल का हाल बाँट सकें|
चलिए आपको बताएँ कुछ बातें जिन से आप और आपके माँ-बाप बहुत अच्छे दोस्त बन सकते हैं!
1) कम्युनिकेशन
किसी भी रिश्ते या दोस्ती की नींव कम्युनिकेशन पर ही रखी जाती है| जैसे दोस्तों के साथ बिंदास जब चाहे बात करते हैं, वैसे ही अपने माँ-बाप के साथ भी बातों का सिलसिला चालू रखिये| अगर वो काम में व्यस्त हैं और आप की भी पढ़ाई या काम बहुत समय ले लेता है तो भी दिन का एक ऐसा वक़्त निकालिये, चाहे नाश्ता या डिनर, जब आप उनके साथ गप्पें लड़ा सकें!
2) दोस्तों की तरह ट्रीट कीजिये
याद रखिये, आपके माँ-बाप भी आपको अपना दोस्त बनाना चाहते हैं लेकिन आपके बड़े होते-होते कुछ दूरियाँ ऐसा होने नहीं देतीं| तो अब भी कौन सी देर हुई है, आप उनके साथ दोस्तों जैसा व्यवहार कीजिये! जैसे दोस्तों के दिल का हाल जानते हैं, वैसे ही माँ-बाप के दिल का हाल जानिये, उनसे बातें कीजिये, लेकिन रिश्ते की मर्यादा में रहकर!
3) इग्नोर मत कीजिये
आपके दोस्त अगर रात को २ बजे भी फ़ोन या मैसेज करते हैं तो आप उनसे बात करते हैं ना? और अगर आपको कोई फिल्म देखनी है या सिर्फ बैठ के मज़ा-मस्ती ही करनी है तो आप अपने ख़ास दोस्तों को ही याद करते हैं, किसी को भी भूलते नहीं, है ना? बस ऐसा ही रिश्ता माँ-बाप के साथ भी बनाइये!
4) उन्हें जानिये
देखो यारों, वो माँ-बाप बाद में हैं, पहले आपके-हमारे जैसे इंसान ही हैं! तो फिर उनकी भी इच्छाएँ होंगी, कुछ डर होंगे, सपने होंगे, मस्ती करने के तरीके होंगे| कोशिश कीजिये जानने की और साथ में वो काम कीजिये जिस में दोनों को मज़ा आये!
5) कुछ ख़ास कीजिये
माना कि पॉकेट मनी ज़्यादा नहीं है या इतनी बड़ी तनख़्वाह नहीं है आपकी लेकिन फिर भी कभी-कभी कोई ख़ास गिफ्ट तो दे ही सकते हैं माँ-बाप को! बस एक सरप्राईज़ की तरह| उन्होंने भी तो आपको बचपन से लेकर आज तक कितना कुछ दिया है, थोड़ी मेहनत आप भी कीजिये!
6) ईमानदार रहिये
सच्चाई और ईमानदारी से हर रिश्ता ठोस बनता है, ज़्यादा समय तक चलता है| माँ-बाप से भी घबराईये मत, डरिये मत, बस अपनी बात उनसे कहने का तरीका सही चुनिए| कोई गलती हो जाए तो भी उन्हें बता दीजिये, आप क्या महसूस कर रहे हैं, वो भी उनसे बाँटिये! माफ़ी मांगिये और कोशिश कीजिये दोबारा उनका भरोसा जीतने की| आपके माँ-बाप हैं, दुश्मन नहीं जो आपकी ग़लती के लिए आपको फाँसी पर लटका देंगे!
ज़रा इन क़दमों पर चलके तो देखिये, आपके नए दोस्त आपकी ज़िन्दगी में धूम मचा देंगे!
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