हम माँ-बाप से जितना भी प्यार करें, उनके अनुशासन और सख़्ती से डरते भी हैं|
शायद इसीलिए हमारे दिल में उनके लिए प्यार और इज़्ज़त रहती है, वो दोस्तों वाली बात नहीं|
लेकिन जो वो करते हैं, वो उनका फ़र्ज़ है| अब हम कैसे उनकी बात मानते हुए और अपने मन की भी करते हुए उन्हें अपना दोस्त बना लें, यही तो कमाल है! इस रिश्ते में अगर दोस्ती हो जाए तो आधी से ज़्यादा दिक्कतें आसान हो सकती हैं| चाहे वो ड्रग्स, पार्टी, पढ़ाई की समस्या हो या बढ़ती उम्र की| सब आसान हो जाता है, जब दोस्तों जैसे आप अपने दिल का हाल बाँट सकें|
चलिए आपको बताएँ कुछ बातें जिन से आप और आपके माँ-बाप बहुत अच्छे दोस्त बन सकते हैं!
1) कम्युनिकेशन
किसी भी रिश्ते या दोस्ती की नींव कम्युनिकेशन पर ही रखी जाती है| जैसे दोस्तों के साथ बिंदास जब चाहे बात करते हैं, वैसे ही अपने माँ-बाप के साथ भी बातों का सिलसिला चालू रखिये| अगर वो काम में व्यस्त हैं और आप की भी पढ़ाई या काम बहुत समय ले लेता है तो भी दिन का एक ऐसा वक़्त निकालिये, चाहे नाश्ता या डिनर, जब आप उनके साथ गप्पें लड़ा सकें!