जिन भी लोगों ने टाइटैनिक जहाज के बारे में सुना है या टाइटैनिक फिल्म देखी है वे अभी तक यही सोचतें होंगे कि मशहूर जहाज टाइटैनिक समुंद्र में एक आइसबर्ग से टकराकर डूब गया था.
लेकिन हाल ही में विशेषज्ञों ने जो दावा किया है उसमें बताया है कि टाइटैनिक जहाज किसी आइसबर्ग से टकराने के कारण नहीं, बल्कि उसमें लगी आग के कारण उत्तरी अटलांटिक सागर में दुर्घटना ग्रस्त हुआ था.
अभी तक यही माना जाता रहा है कि समुद्र की सतह के नीचे बने एक आइसबर्ग के साथ टकराकने के कारण टाइटैनिक जहाज दुर्घटना ग्रस्त होकर बीच समुंद्र में ही डूब गया था.
शोधकर्ताओं का दावा है कि टाइटैनिक जहाज में आग लगी थी और यह आग करीब 20 से 21 दिन तक लगी रही और किसी का इसपर ध्यान नहीं गया. लंबे समय तक आग के कारण जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था. फिर जब सफर के दौरान आइसबर्ग के साथ इसकी टक्कर हुई, तो कमजोर होने के कारण वह डूब गया.
गौरतलब है कि अप्रैल 1912 में टाइटैनिक अटलांटिक महासागर में उस वक्त डूब गया था जब वह न्यूयॉर्क के लिए जा रहा था. इस हादसे में 1,500 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी.
दावे के अनुसार पत्रकार सेनन मोलोने ने जहाज के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजिनियर्स द्वारा ली गई तस्वीरों का अध्ययन किया. अध्ययन के दौरान तस्वीरों में पतवार के दाहिनी ओर 30 फुट लंबे काले निशान नजर आए. यह निशान जहाज की लाइनिंग के उस हिस्से के ठीक पीछे हैं, जहां आइसबर्ग टकराया था.
बताते चलें कि दुर्घटना के बाद टाइटैनिक को बेलफास्ट शिपयार्ड में भेज दिया गया था.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आग शायद जहाज के बॉइलर रूम के पीछे बने तीन-मंजिला ईंधन स्टोर में लगी होगी. संभव है कि बचाव दले के लोगों ने यह आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे आग को काबू नहीं कर पाए. इस कारण जहाज का तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.
इसके बाद जब टाइटैनिक जहाज आइसबर्ग से टकराया, तब तक आग के कारण स्टील से बनी इसकी पतवार काफी कमजोर होने के कारण जहाज की लाइनिंग टूट गई.
बताया जाता है कि टाइटैनिक जहाज बनाने वाली कंपनी के अध्यक्ष जे. ब्रूस ने जहाज पर सवार अधिकारियों को निर्देश दिया था कि इस आग के बारे में यात्रियों को कुछ ना बताएं. हो सकता है ऐसा उन्होंने इसलिए कहा होगा कि उन्हें भरोसा था कि आग पर वे काबू पा लेंगे.
काबिले गौर है कि टाइटैनिक जहाज की आधिकारिक जांच में जहाज के डूबने को प्राकृतिक हादसा बताया गया था. लेकिन हालिया स्वतंत्र जांच निष्कर्ष इस ओर संकेत करते हैं कि टाइटैनिक के साथ जो हादसा हुआ था उसमें उसमें आइसबर्ग के अलावा आग की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
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