हम सभी को दिनों, तारीखों और महीनों के नाम अच्छी तरह से याद रहते है, क्योंकि कैलंडर के बिना हमारी जिंदगी अधूरी है।
हम इसके बिना कभी जान ही नहीं पाएंगे की आज कौन सा दिन है और कौन सा महीना चल रहा है। तो कहने का मतलब यही है कि हमारी लाइफ में ये दिन, महीने और उनके नाम एक अहम् रोल निभाते है। लेकिन क्या आप जानते है कि इन महीनों के नाम कहाँ आये? आखिर किसने महीनों के नाम जनवरी, फरवरी, मार्च…आदि रखे है?
शायद कुछ लोगो का मत होगा कि जब से इस दुनिया का अस्तित्व आया है तब ही से इन नामों का भी चलन शुरू हुआ है, अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो ये गलत है, दरअसल महीनों के इन नामों के पीछे एक बड़ा रहस्य छिपा हुआ है।
तो आइये जानते है कि महीनों के नाम कैसे रखे गए, आखिर कैसे साल के कैलेंडर में 12 महीनों का अस्तित्व आया-
महीनों के नाम –
1. जनवरी-
जनवरी का नाम पहले जेनस था बाद जनुअरी बना और फिर जनवरी। लेकिन क्या आप जानते है कि जनवरी नाम कहा से आया, दरअसल जनवरी महीने का नाम रोमन के देवता ‘जेनस’ के नाम पर रखा गया है।
2. फ़रवरी-
फ़रवरी महीने का नाम लेटिन के ‘फैबरा’ यानि के ‘शुद्धि के देवता’ के नाम पर रखा गया। वहीं कुछ लोगो का मानना है कि फ़रवरी महीने का नाम रोम की देवी ‘फ़ेब्रुएरिया’ के नाम पर रखा गया था।
3. मार्च-
मार्च महीने का नाम रोमन के देवता ‘मार्स’ के नाम पर रखा गया, वहीं रोमन में वर्ष की शुरुआत भी मार्च महीने से होती है।
4. अप्रैल-
अप्रैल महीने का नाम लेटिन शब्द ‘ऐपेरायर’ से बना है, जिसका मतलब होता है ‘कलियों का खुलना’। रोम में इस महीने बसंत मौसम की शुरुआत भी होती है जिसमे फूल और कलियाँ खिलती है।
5. मई-
मई महीने के नाम के पीछे कहा जाता है कि रोमन के देवता ‘मरकरी’ की माता ‘माइया’ के नाम पर मई महीने का नाम पड़ा।
6. जून-
रोम के सबसे बड़े देवता ‘जीयस’ की पत्नी का नाम ‘जूनो’ था, और रोम में कहानी प्रचलित है की जूनो से ही ‘जून’ शब्द को लिया गया है।
7. जुलाई-
कहा जाता है कि रोमन साम्राज्य के शासक ‘जुलियस सिजर’ के नाम पर ही इस महीने का नाम जुलाई रखा गया था। जुलियस के बारे में कहा जाता है कि उसका जन्म और मृत्यु इसी महीने में हुई थी।
8. अगस्त-
अगस्त महीने के नाम के पीछे बताया जाता है कि अगस्त का नाम ‘सैंट आगस्ट सिजर’ के नाम पर रखा गया था।
9. सितम्बर-
सितम्बर का नाम लेटिन शब्द ‘सेप्टेम’ से बना है, रोम में सितंबर को सप्टेम्बर कहा जाता है।
10. अक्टूबर-
अक्टूबर महीने का नाम लेटिन के ‘आक्टो’ शब्द से लिया गया है।
11. नवंबर-
नवंबर का नाम लेटिन के ‘नवम’ शब्द से लिया गया है।
12. दिसम्बर-
साल के आखरी महीने दिसम्बर का नाम लेटिन के ‘डेसम’ शब्द से लिया गया है।
कुछ इस तरह से रखे गए है महीनों के नाम – तो अब आप अच्छे से जान ही गये होंगे कि एक पुरे साल के 12 महीनों के नामों के पिछे कितना बड़ा रहस्य छिपा हुआ था। खैर, ये तो थे अंग्रेजी कैलेंडर के महिनों के नाम भारतीय हिंदू कैलेंडर के पिछे एक अलग ही कहानी है, उसे जानने के लिये यंगिस्थान के साथ जुड़े रहिये।
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