सैलरी में बढ़ोत्तरी – वित्त वर्ष के खत्म होने पर सभी इंप्लॉयीज़ इस उधेड़बुन में लग जाते हैं कि आखिर इस बार उनकी सैलरी कितनी बढ़ेगी।
यही वो समय होता है जब ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर सैलरी बढ़ाने का फैसला करती हैं।
ये महीना सैलरी में बढ़ोत्तरी, प्रमोशल और करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, इंप्लॉयीज़ के लिए साल के इस सबसे महत्वपूर्ण दौर की चमक जल्द ही खो सकती है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो अ आने वाले समय में अप्रेज़ल के दौरान कंपनियां यह भी देखेंगीं कि आपने इस एक साल के अंदर कौन सी नई स्किल सीखी है। पिछले साल एऑन इंडिया कंसल्टिंग ने 2017-18 के लिए सैलरी में बढ़ोत्तरी को लेकर एक सर्वे किया था जिसके तहत उसने इस साल के लिए औसत वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
ये पिछले साल के बराबर है। 2014 से 2018 तक एवरेज सैलरी में बढ़ोत्तरी 10.4 प्रतिशत से घटकर 9.4 प्रतिशत पर आ गया है। इस दौरान इंक्रिमेंट के लिए कंपनियों ने इंप्लॉयीज़ के परफॉर्मेंस पर भी गौर किया है।
हाई परफॉर्मेंस में नई स्किल के जुड़ने से टॉप परफॉर्मेंस की परिभाषा ही बदल गई है। इस सर्वे के मुताबि नई परिभाषा के तहत टॉप परफॉमर्स की सैलरी में औसतन 15.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी जोकि औसत प्रदर्शन करने वाले लोगों से 1.9 गुना ज्यादा है।
एऑन इंडिया कंसल्टिंग के पार्टनर का कहना है कि एवरेज सैलरी में बढ़ोत्तरी का अब कोई मतलब नहीं है। अब कंपनियां टॉप परफॉमर्स और क्रिटिकल स्किल्स वाले इंप्लॉयीज़ की सैलरी में बढ़ोत्तरी करेंगीं। उन्होंने बताया कि अब डिजीटल स्किल्स को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है और अब इसी के आधार पर इंप्लॉयीज़ की सैलरी बढ़ेगी।
जो कंपनियां पहले से ही मैच्योर हैं वो पिछले 5 से 7 साल में इंप्लॉयीज़ को 8 से 8.5 प्रतिशत सैलरी में बढ़ोत्तरी दे रही हैं। उन पर किसी का दबाव नहीं है। वहीं ऐसी कंपनियां जिन्होंने ब्रैंड डिवलेप नहीं किया है, उन पर इंप्लॉयीज़ को हाई इंक्रिमेंट देने का दबाव है।
विशेषज्ञों की मानें तो अब वो जमाना गया जब ज्यादातर इंप्लॉयीज़ की सैलर 14.15 प्रतिशत बढ़ जाती थी। 10 साल हाई परफॉर्मेंस वाली रेटिंग किसी कंपनी में करीब 20 पर्सेंट इंप्लॉयीज़ को मिलती है, जो अब घटकर सिर्फ 7.5 प्रतिशत रह गई है।
साल 2007 से 2011 के बीच कंपनियों ने इंप्लॉयीज़ की सैलरी में हाई डबल डिजिट में बढ़ोत्तरी की थी। इस दौरान सिर्फ 2009 में सैलरी हाइक सिंगल डिजिट में रही थी। 2012 से 2016 के बीच सैलरी में लो डबल डिजिट ग्रोथ हुई। अगले पांस साल में सिंगल डिजिट में सैलरी हाइक हो सकता है।
अब तो आप जान ही गए होंगें कि इस साल आपकी सैलरी कितना बढ़ने वाली है। तो दोस्तों, तैयार हो जाइए क्योंकि इस साल या तो आपको इंक्रिमेंट कोई बड़ा झटका दे सकता है या फिर आपके चेहरे पर खुशी ला सकता है।
हर कोई बड़ी बेसब्री से सैलरी में बढ़ोत्तरी की राह देखता है और आप भी इसी उलझन में होंगें कि इस बार आपकी सैलरी में बढ़ोत्तरी कितनी होगी। खैर, सैलरी बढ़े या ना बढ़े आपको काम तो करते रहना पड़ेगा।