ह्यूमर

किस तरह से एक युवक ने भगवद गीता के अर्थ का अनर्थ किया !

अक्सर बड़े बुजुर्ग लोग आजकल की पीढ़ी को धर्मग्रंथ पढने की सलाह देते है.

बात बात पर शास्त्रों को जिक्र भी करते है.

लेकिन आजकल की पीढ़ी है उसको तो इन सबसे कोई मतलब ही नहीं है.

अब ज़रा सोचिये किसी युवा ने गीता रामायण पढ़ की और उसका अपने हिसाब से मतलब निकाला तो क्या होगा?

आइये आज आपको दिखाते है एक पिता और पुत्र के बीच  क्या हुआ जब पिता ने अपने जवान लड़के को गीता पढाई.

पिता : (गुस्से में ) – ओ बेवकूफ, मैंने जो गीता दी थी पढ़ने के लिए क्या तुमने वो गीता पढ़ी ?

पूरे  दिन फ़ोन पर whatsapp, facebook करता रहता है. गीता पढ़कर दिमाग में घुसा कुछ ?

पुत्र : हाँ पिताजी पढ़ ली.
(ऐसा कहकर वो लड़का पिस्तौल निकाल लेता है )

और अब आप मरने के लिए तैयार हो जाओ.

पिता (डरते हुए ) – बेटा ये क्या मजाक है ? मैं तो तुम्हारा बाप हूँ.

पुत्र : डैडी, न कोई किसी का बाप है न कोई किसी का बेटा. ये मैं नहीं कहता गीता में लिखा है.

पिता :  लेकिन बेटा मैं मर जाऊंगा .

पुत्र :  गीता के अनुसार केवल शरीर मरता है, आत्मा नहीं मरती. आत्मा तो अज़र अमर है.

पिता : बेटा मजाक मत करो, गोली चल गयी तो मैं वाकई मर जाऊंगा.

पुत्र  : क्यों व्यर्थ चिंता करते हो? किससे तुम डरते हो?

गीता में लिखा है

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि,
नैनं दहति पावकः
आत्मा को ना पानी भिगो सकता है और ना ही तलवार काट सकती, ना ही आग जला सकती.
किसलिए डरते हो तुम ?

पिता : बेटा! अपने भाई बहनों के बारे में तो सोच, अपनी माता के बारे में भी सोच.

पुत्र : इस दुनिया में कोई
किसी का नही होता.

संसार के सारे रिश्ते स्वार्थों पर टिके है.
ये भी गीता में ही लिखा है.

पिता : बेटा मुझको मारने से तुझे क्या मिलेगा ?

बेटा : अगर इस धर्मयुद्ध में आप मारे गए तो आपको स्वर्ग प्राप्ति होगी.
मुझको आपकी संपत्ति प्राप्त होगी.

पिता : बेटा ऐसा जुर्म मत कर.

पुत्र : पिताजी आप चिंता ना करें.
जिस प्रकार आत्मा पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है, उसी प्रकार आप भी पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करने की तैयारी करें.

बाय बाय डैडी.

तो इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि

कलयुग की औलादों को सतयुग, त्रेतायुग या द्वापर युग की शिक्षा नहीं दे. उन्हें whatsapp में busy रहने दें वरना अर्थ का अनर्थ कर देगे.

Disclaimer :

पाठकों से अनुरोध है कि इस कहानी को अन्यथा ना लें ये सिर्फ मजाक के लिए लिखी गयी है. वो क्या है ना कि होली आने वाली है तो हमने सोचा होली के बहाने थोड़ी मस्ती कर ली जाए. वैसे तो ये बात हम सब जानते है कि गीता एक महान ग्रन्थ है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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