पृथ्वी की क्षमता – एक रिसर्च की माने तो पृथ्वी पर इस समय कुल 7 बिलियन लोग रहते हैं।
यह आंकडा पहले से ही इतना ज्यादा है लेकिन फिर भी प्रतिदिन मनुष्यो कि संख्या बढती चली जा रही है तो अपने कभी ना कभी यह जरूर सोचा होगा कि आखिर पृथ्वी कितने मनुष्यो का बोझ उठा सकती है।
तो आइए आज हम आपको बताते है कि पृथ्वी की क्षमता क्या है।
बढती जनसॅख्या को देखते हुए साल के अंत में अनुमान लगाया जा रहा है कि पृथ्वी पर मनुष्यो की अबादी 7 बिलियन से बढ के 10 बिलियन तक पहुंच जायेगी। वैज्ञानिक अभी भी इस बात का अनुमान नही लगा पाए हैं कि पृथ्वी की क्षमता क्या है और पृथ्वी इतना ज्यादा बोझ झेल पाएगी या नही।
इस समय पृथ्वी पर कुल 7.5 बिलियन एकड इलाके जितना खाने पीने का समान मौजुद है यानी लगभग अफ्रिका के बराबर।
लेकिन बढती अबादी को देखते हुए इस खाने पीने के सामान में भी कमी आने लगेगी। और अगर इसी तरह खेतिहर खाद्यानो का हिसाब लगाया जाए तो यह तकरिबन अमेरिका के बराबर होगा और बढती जनसॅख्या के कारण इसमे भी भारी कमी आने की सम्भावना होगी।
अनुमान लगाया जा रहा है की अगर पृथ्वी पर 3 बिलियन तक की जनसॅख्या और बढ गई तो वातावर्ण में CO2 कि मात्रा भी बढ जायेगी जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बन सकती है। क्योकि ऑक्सीजन का अनुमान लगाया जाए तो वो भी पृथ्वी पर एक सीमित मात्र तक ही मौजुद है।ऑकसीजन में कमी आने से पृथ्वी पर ग्लोबलवार्मिंग बढेगी जिसका सीधा असर खाद्यान पर पडेगा और लोगो की स्वास्थ्य से जुडी समस्या भी बढ सकती हैं।
ये है पृथ्वी की क्षमता – ऐसा नही है कि पृथ्वी इतने लोगो का भार नही उठा सकती, दरअसम बात ये है कि जितने लोग बढंगे उतना ही ज्यादा जीवन स्तर गिरेगा क्योकि संसाधन एक सीमित मात्रा में ही है और जितने लोग बढंगे उतना ही ज्यादा इन संसाधनो का उपयोग बढेगा।
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