ENG | HINDI

इस राजा के कारण कलयुग ने जमा लिया धरती पर अपना पैर !

कलयुग का आगमन

कलयुग का आगमन – हम जिस युग में जी रहे हैं उसे कलयुग कहा जाता है।

एक ऐसा कलयुग जिसके बारे में कहा जाता हैं कि यहां अच्छाई से ज्यादा बुराई हमारे ऊपर हावी रहता हैं। इतिहास की एक घटना के कारण कलयुग ने इस संसार में अपना ठिकाना बना लिया – कलयुग का आगमन हुआ।

विश्व के सबसे बड़े धर्मयुद्ध महाभारत को पांडवों ने जीत लिया। सत्ता भी संभाला लेकिन जल्दी ही उन्हें आभास हो गया कि इस संसार में कुछ नहीं रखा हैं। यही सबसे कारण था कि सभी पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ स्वर्ग के लिए चल पड़े।

स्वर्ग जाने से पहले उन्होंने राजा परीक्षित को सारा राजपाठ सौप दिया। बस यहीं से कलयुग का आगमन हुआ और कलयुग ने अपने पैर धरती पर पसारने शुरु कर दिये।

कलयुग का आगमन

राजा परीक्षित उस दौरान सबसे धार्मिक राजा हुए। उन्होंने देश की सेवा एक राजा के रुप में न करके धर्म के रुप की। वो राजधर्म को पूरी तरह से निभा रहे थे लेकिन उनसे एक गलती हो गई जिस कारण आज हम कलयुग में जी रहे हैं। राजा परीक्षित इतने दयालु थे कि एक बार कलयुग उनके पास आकर धरती पर रहने की जगह मांगने लगा। राजा परीक्षित, कलयुग के प्रभाव को जानते थे इसलिए उन्होंने पहले तो सीधे तौर पर मना कर दिया लेकिन कलयुग किसी तरह उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसा कर अपने लिए थोड़ा सा स्थान लेने में सफल हो गया।

राजा ने कलयुग के सामने एक शर्त रखी कि तुम सिर्फ उसी के मन में स्थान पा सकते हो जिसमें लोभ, क्रोध और वासना होगी लेकिन वो शायद कलयुग की चालों को समझ नहीं पाए।

पहले तो कलयुग ने इस शर्त को मान लिया लेकिन बाद में उसने बहला फुसला कर उनके अंदर  स्थान स्थापित कर लिया।

इस तरह से  कलयुग का आगमन हुआ – राजा परीक्षित की कालसर्प दोष के कारण मृत्यु हो गई लेकिन कलयुग को उनके बाद कोई नहीं रोक पाया और परिणाम हमारे सामने हैं। आज यह पूरा काल ही कलयुग बन गया है।