अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन्स कराने के लिए – बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में हीरो-हीरोइन के बीच हॉट और इंटीमेट सीन्स फिल्माए जाते हैं. फिल्मों में शूट किए गए इंटीमेट सीन्स देखकर दर्शक पूरी फिल्म देखने के लिए खुद-ब-खुद सिनेमा हॉल तक खींचे चले आते हैं.
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि स्क्रिन पर हीरो हीरोइन के जिस इंटीमेट सीन को देखकर आप सीटी बजाने लगते हैं उन सीन्स को कैसे फिल्माया जाता है और अभिनेत्रियों से इस तरह के सीन्स कराने के लिए डायरेक्टर्स को किस तरह के जुगाड़ करने पड़ते हैं.
जी हां, अभिनेत्रियों से इस तरह के इंटीमेट सीन्स शूट करवाना इतना आसान भी नहीं है जितना पर्दे पर दिखाई देता है.
तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन्स कराने के लिए डायरेक्टर्स कौन-कौन से जतन करते हैं.
अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन्स कराने के लिए डायरेक्टर करते हैं ये जुगाड़
दरअसल अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन्स कराने के लिए फिल्म के डायरेक्टर को लाखों पापड़ बेलने पड़ते हैं. इसके लिए पहले तो हीरो और हीरोइन दोनों की राजी करना पड़ता है फिर कम से कम रीटेक में परफेक्ट सीन शूट करने की जद्दोजहद करनी पड़ती है.
1 – कई बार अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन शूट कराने के लिए डायरेक्टर्स को अपने क्रू मेंबर्स को ही बाहर भेजना पड़ता है. कुछ ऐसा ही हुआ था निर्देशक अयान मुखर्जी की फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ के एक इंटीमेट सीन की शूटिंग के दौरान. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर के एक इंटीमेट सीन को शूट करने के लिए पूरे क्रू मेंबर्स को बाहर भेजना पड़ा था.
2 – फिल्म ‘रागिनी एमएमएस 2’ का हॉट सीन तो आपको याद ही होगा. जी हां, इस फिल्म में सनी लियोनी के इंटीमेट सीन को शूट करने के लिए निर्देशक को अपने क्रू मेंबर्स में फेर बदल करना पड़ा. डायरेक्टर ने इस सीन को शूट करने के लिए फिल्म के क्रू मेंबर में करीब 95 फीसदी महिलाओं को शामिल किया था.
3 – डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने एक शॉर्ट फिल्म के लिए राधिका आप्टे से इंटीमेट सीन शूट कराए थे लेकिन ये करना उनके लिए इतना आसान नहीं था. राधिका से इंटीमेट सीन शूट करवाने के लिए अनुराग कश्यप को अपने क्रू में सिर्फ महिलाओं को ही शामिल करना पड़ा था.
अभिनेत्रियों से इंटीमेट सीन्स कराने के लिए डायरेक्टर को ये सब करना पड़ता है – चाहे वो फिल्म का हीरो हो या फिर हीरोइन दोनों ही इंटीमेट सीन्स को शूट करने में सहज महसूस नहीं करते हैं, पर कहानी की मांग को देखते हुए उन्हें इस तरह के सीन्स करने पड़ते हैं लेकिन उन्हें मनाने का जिम्मा पूरी तरह से डायरेक्टर पर ही होता है.