हर इंसान अपनी जिंदगी में एक सपना जरुर देखता है.
कुछ इंसान अपने सपने पूरे कर लेते हैं, तो कुछ के सपने उनकी आँखों में अधूरे सपने बनकर ही रह जाते हैं.
दोस्तों सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन सपने टूटने की उम्र होती है. जब हम कोई सपना देखते हैं तो हमारे और हमारे सपनों के बीच अनगिनत दीवारे खड़ी हो जाती है. उन दीवारों में वक़्त, हालात, पैसा, परिवार, घर वाले, बाहर वाले, परिस्थिति, और कोई भी चीज हो सकती है, जिसके कारण सपने अधूरे रिह जाते है.
अगर आपको अपने सपने पूरे करने हैं तो इन बातों का पालन करें.
1. कभी किसी चीज से हार न माने –
जब हम कोई सपना देखना शुरू करते हैं तो आँखें बंद कर लेते हैं या खुली आँखों में अपनी नज़रे बंद कर लेते हैं. अर्थात् दोनों ही स्थिति में आँखों के आगे अँधेरा और एक अलग दुनिया में प्रवेश करते हैं. जहाँ बिना सोचे समझे बिना किसी की सुने उस सपनों में आगे बढ़ते जाते हैं अब आप सोचिए कि जब सपनों की शुरुवात ही अँधेरा से होती है और बिना सोचे समझे उन सपनो में आगे बढ़ने लगते हैं फिर उस सपने को सच करने का वक़्त आता है तो किसी भी चीज से हार क्यों माने. हार ना मानना भी एक जीत होती है |
2. सपना पूरा करने कस कोई दायरा न बनाए –
जब आप सपने देखते वक़्त अपने सपने देखने का कोई दायरा नहीं बनाते तो अपने सपने को पूरा करने के लिए कोई दायरा क्यों देखते है. सपने किसी उम्र में देखे जा सकते है तो पूरे भी किसी उम्र में हो सकते हैं.
3. ज्यादा चिंता न करें –
मंजिल जब पाने की ठान रखी है तो चिंता करके क्या फायदा और जब मंजिल मिल ही नहीं सकती तो चिंता करके क्या फायदा. चिंता करने से दिमाग और सोच कमजोर होता है, और कमजोर जगह पर नकारात्मक चीजे जल्दी घर बना लेती है इसलिए चिंता से दूर रहकर खुश होकर रहे क्योकि कभी कभी मंजिल से जायदा खुबसूरत रस्ते होते हैं.
4. प्रयास करना न छोड़े-
प्रयास सपने पुरे करने की ऐसी चाबी है जो बाधाओं के ताले को खोल देगी या तोड़ देती है और दोनों ही परिस्थितियों में आपके रास्ते खुल जायेंगें. एक मिटटी का घड़ा बार बार पत्थर पर रखे जाने से अपनी जगह बना लेता है तो बार बार प्रयास करके आप भी अपनी मजिल पा सकते हैं.
5. आत्मा-उत्साहित बनें-
जब सपने अपने मन से देखा तो पूरा करने के लिए के लिए दूसरो का सहारा क्यों लेना क्योंकि उस सपने को आप ही महसूस कर सकते हैं. लोग सलाह दे देकर रोक देते है या हताश करने लग जाते हैं. जब सपना आपके अंदर जी रहा है तो आपको अपने स्वयं के लिए स्वयं से आत्मा –उत्साहित होना होगा |
6. सपने को पाने की दृढ़ता बनाए रखें –
वक़्त हालत परिस्थिति जो भी हो, जैसे भी हो, अपने सपने को जीने की दृढ़ता हमेशा बनाए रखे. जो सपना दिल के किसी कोने में मरा हुआ सा ही सही जिन्दा तो है तो उस सपने को मरा हुआ जिन्दा रखने से अच्छा दृढ बनाकर रखे ताकि वक़्त हालत और परिस्थिति आपकी दृढ़ताके सामने आपके अनुसार बदल जाए.
7. एक योद्धा का गुण अपने अंदर रखे –
हमारे सपने हमारे अंदर तब तक जीते हैं जब तक हमारी मृत्यु न हो जाए या सफलता न मिले तो जिन्हें अपने सपने पुरे करने हैं उन्हें भी एक योद्धा की तरह रहना चाहिए. एक योद्धा तब तक लड़ता है जब तक जीत नहीं जाता या मर नहीं जाता.
अगर आपको सच में अपने सपनों से प्यार है और आप सच में अपने अधूरे सपने या टूटे सपने पूरे करना चाहते हैं तो एक बार अपने लिए इन बातों को स्वीकार करके देखें क्योंकि सपने उनके ही अधूरे रहते हैं जो अपने सपनों को सिर्फ सपना समझकर दिल में रख लेते हैं.