4) दुनियादारी
हाँ दोस्त, यह तो जब तक करोगे नहीं, सीखोगे नहीं! और इसे सीखने का सबसे आसान तरीका है, अपने दम पर दुनिया के साथ व्यवहार करना! सौ बार गिरोगे, ठोकरें खाओगे, गाली भी पड़ेगी, जूते भी, लेकिन फिर जो ज्ञान चक्षु खुलेंगे ना, वो माँ-बाप की गोद में बैठ कर कभी नही खुल पाएँगे!