जीवन शैली

जानिए कैसे काम करती है आपकी बॉडी क्लॉक

लाइफ में कभी ना कभी आपने बॉडी क्‍लॉक के बारे में सुना ही होगा लेकिन क्‍या आपको ये पता है कि बॉडी क्‍लॉक क्‍या होती है और ये किस तरह काम करती है। बॉडी क्‍लॉक को जैविक घड़ी भी कहा जाता है और आज हम आपको आपके शरीर की इसी क्‍लॉक यानि घड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं।

जिस तरह आप समय देखने के लिए घड़ी का इस्‍तेमाल करते हैं वैसे ही प्रकृति ने एक घड़ी हमारे शरीर के अंदर भी बनाई है जिससे समय पर शरीर से जुड़ा हर काम हो सके। प्रकृति द्वारा हमारे शरीर के अंदर बनाई गई इसी घड़ी को बॉडी क्‍लॉक कहा जाता है।

प्रकृति द्वारा बनाई गई ये घड़ी पेड़-पौधों और अन्‍य जानवरों पर भी लागू होती है। जैसे-जैसे बाहरी वातावरण में बदलाव होते हैं वैसे-वैसे हमारे शरीर के अंदर मौजूद ये जैविक घड़ी, उसके अनुसार शरीर के सभी कार्य करता है।

सूरज के उगने से अस्‍त होने तक समय एक चक्र के रूप में चलता है और इसके ही अनुसार हमारा शरीर भी सोता-जागता है और दैनिक कार्य करता है। इस क्‍लॉक के ज़रिए प्रकृति में होने वाले परिवर्तन की तरह हमारे शरीर में भी परिवर्तन होते लगते हैं।

इस धरती पर जितने भी जीव-जंतु हैं उन सभी में बॉडी क्‍लॉक होता है और करोड़ों साल पहले भी ऐसा ही हुआ करता था। रिसर्च की मानें तो इस बॉडी क्‍लॉक का मूल स्‍थान मस्तिष्‍क है।

आइए जानते हैं बॉडी क्‍लॉक के अनुसार कब कौन सा अंग काम करता है।

सुबह 3 से 5 बजे : इस समय शरीर में फेफड़े सक्रिय रहते हैं। अगर इस समय गुनगुना पानी पीकर थोड़ा टहला जाए तो फेफड़ों को शुद्ध हवा मिलने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ सकती है।

सुबह 5 से 7 बजे : ये समय मल त्‍यागने के लिए होता है क्‍योंकि इस समय बड़ी आंत सक्रिय रहती है। इस समय ये क्रिया ना करने वाले लोगों को कब्‍ज की समस्‍या हो जाती है।

सुबह 7 बजे से 11 बजे : इस दौरान आमाशय क्रियाशील रहता है और 9 से 11 के बीच में अग्‍नाश्‍य और प्‍लीहा सक्रिय रहते हैं। भोजन करने के लिए ये समय सही रहता है।

दोपहर 11 बजे से 1 बजे तक : इस समय ऊर्जा का प्रवाह ह्रदय की ओर होने लगता है इसलिए इस दौरान ह्रदय क्रियाशील रहता है।

दोपहर 1 से 3 बजे : इस समय छोटी आंत सक्रिय रहती है। इस दौरान पानी पीना बेहतर होता है और भोजन करना, सोना या चाय पीने से शरीर को नुकसान होता है।

दोपहर 3 से 5 बजे तक : इस दौरान मूत्राशय सक्रिय रहता है। मूत्र त्‍याग के लिए ये समय सही है।

शाम 5 बजे से 7 बजे : सुबह किया गया भोजन इस समय तक पच जाता है इसलिए इस समय हल्‍का भोजन करना चाहिए।

रात 7 बजे  से 9 बजे : इस दौरान अग्‍नाश्‍य और गुर्दे सक्रिय रहते हैं और दिमाग भी काम करता है। इस समय की गई पढ़ाई जल्‍दी याद हो जाती है।

रात 9 से 11 बजे : इस समय भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय की नींद सबसे ज्‍यादा शांति देने वाली होती है इसलिए इस दौरान सो जाना चाहिए।

रात 11 बजे से 1 बजे तक : इस समय में यकृत और पित्ताश्‍य सक्रिय रहते हैं। इस समय जागते रहने से बुढापा जल्‍दी आता है।

रात 1 बजे से 3 बजे तक : इस समय लिवर काम करता है। इस समय शरीर को गहरी नींद की जरूरत होती है और ऐसा ना करने पर पाचन बिगड़ जाता है।

कुछ इस तरह बॉडी क्‍लॉक काम करती है और अगर इसे फॉलो ना किया तो सेहत बिगड़ जाती है

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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