मुंबई सपनों का शहर है और पूरे देश से यहाँ लड़के-लड़कियाँ आते हैं अपनी ज़िन्दगी बनाने, सपने पूरे करने!
पूरी आज़ादी है यहाँ अपनी मर्ज़ी की ज़िन्दगी जीने की लेकिन अगर आप बैचलर हैं तो फिर कहानी में ज़रा ट्विस्ट आ जाता है!
आईये बताऊँ क्या-क्या होता है मुंबई में एक बैचलर यहाँ:
1) सबसे पहले तो घर ही किराए पर नहीं मिलता! हाउसिंग सोसाइटीज़ की शर्त आने लगी है अब कि बैचलर्स को घर नहीं देना, माँ-बाप साथ में हों तो ही घर मिलेगा वरना टाटा-बायबाय! पता नहीं बेचारे बैचलर्स हैं या आतंकवादी?