जानवर भी शोक मनाते है – इंसानों के बुरे कर्मों की तुलना लोग अकसर जानवरों से करने लगते हैं जबकि हकीकत में जानवर हम इंसानों से ज्यादा तेज और बुद्धिमान होता हैं। यही नहीं आज के समय में जब हमारे बीच रह रहे लोग सेल्फिश हो गए हैं, वहीं जानवर में इंसानों से ज्यादा संवेदनाएं हैं।
हम आपको बता रहे हैं कि जानवर भी शोक मनाते है – जानवर किस तरह से शोक मनाते हैं। इसे पढ़ने के बाद अगर आपके अंदर थोड़ी भी संवेदना बची होगी तो आपका दिल पिघल जाएंगा।
जानवर भी शोक मनाते है –
१ – समुंद्र की व्हेल और डॉल्फिन का कोई साथी अगर मर जाए तो कई दिनों तक उसे अपने पीठ के सहारे तैराते रहते हैं ताकि वो डूब न जाए। ये समुद्री जीव जितना हो सके अपने साथ रखने की कोशिश करते हैं।
२ – जानवरों में हाथी की याददास्त सबसे अच्छी मानी जाती हैं। हाथी अकसर झुंड में होते हैं और अगर उनके झुंड का एक भी साथी बिछड़ जाए तो उसे ढ़ूंढ़ने लगते हैं वही अगर कोई मर जाए तो बहुत देर तक सभी हाथी मिलकर उसकी देखभाल करते हैं और उसे उठाने का पूरा प्रयास करते हैं। यह झुंड सालों बाद तक उस जगह पर अकसर आते हैं जहां उसके साथी ने प्राण त्याग दिये थे।
३ – कहते हैं मानव बंदरों का ही रुप हैं। बंदरों के शोक को देखकर भी ऐसा आपको लग सकता हैं। बंदर इंसानों की तरह सबसे ज्यादा भावुक होकर अपने साथी की मौत का गम मनाते हैं। वो एक दुसरे के साथ चिपटकर रोते हैं।
४ – कौवे की मौत होने पर बाकी साथी कुछ समय के लिए अपना खाना पीना छोड़ देते हैं और शोक मनाते हैं। वहीं कुछ पक्षी तो अपना भोजन छोड़कर अपनी जान दे देते हैं।
५ – पालतु कुत्ते के मरने पर इंसान को उतना दुख नहीं होता जितना मालिक के मरने पर कुत्ते को होता हैं। कुत्ता कई दिनों तक शोक में रहता हैं और खाना पीना छोड़ देता हैं।
इस तरह से जानवर भी शोक मनाते है – जानवर इतने ज्यादा सेंसिटिव होते हैं कि हम सोच भी नहीं सकते। आप किसी जानवर को देख लीजिए अगर उसे आपने थोड़ा सा प्यार दिखा दिया तो वह आपके लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को तैयार हो जाता हैं फिर सोचिए वो अपने साथी के लिये क्या नहीं कर सकते।