पानी कब और कितना पीना चाहिए – जैसा की हम सबको पता है कि पानी हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी होता है.
भोजन के बिना हम कुछ टाइम बिता सकते हैं. लेकिन बिना पानी के ज्यादा समय बिताना संभव नहीं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन तो जरूरी है, लेकिन भोजन से ज्यादा जरूरी होता है भोजन को पचाना और इसके लिए आवश्यक है पानी पीने के नियमों का पालन करना, जिससे भोजन आसानी से पच सके और हमारे पाचन शक्ति को मजबूत बना बीमारियों को दूर रख सके.
चलिए विस्तार से जानते है पानी कब और कितना पीना चाहिए –
ऋषि बाग्वट जी का कहना है कि भोजन के अंत में पानी पीना जहर के समान होता है. कहते हैं भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से पाचनक्रिया कमजोर हो जाती है.
ऐसे में भोजन पचता नहीं बल्कि सड़ने लगता है.
ऋषि बाग्वट जी ने कहा है कि पेट में सड़ने वाला भोजन ही गैस बनाता है.
इस गैस की वजह से शरीर में 103 तरह के रोग पैदा होते हैं. जिन में सबसे पहला एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी और लगातार इसी तरह पानी का सेवन करने से अल्सर, पेप्टिक अल्सर, बाबासीर, मुड़व्याद, भगंदर और कैंसर जैसे रोगों को पैदा करता है. मतलब साफ है कि खाने के बाद तुरंत पानी पीने से एसिडिटी से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं ऋषि बागवट जी ने यह भी कहा है कि जो भोजन पेट में सड़ता है वही सड़न कोलेस्ट्रॉल बनाता है, और कोलेस्ट्रोल बढना मतलब अपने साथ कई बीमारियों को पैदा करने जैसा है. जिसे हाई ब्लड प्रेसर, जोड़ों में दर्द की शिकायत जैसी बीमारियां पैदा होने लगती है. ऐसे में सोचने वाली बात है कि जिस छोटी सी गलती की वजह से हमारे शरीर में 103 बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है. उस गलती को हम क्यों करें.
पानी कब और कितना पीना चाहिए –
पानी कब पीना चाहिए ?
खाने के कम से कम डेढ़ घंटे के बाद ही पानी पीना चाहिए और अगर खाने से पहले पानी पीना हो तो कम से कम 40 मिनट पहले और ज्यादा से ज्यादा एक घंटे पहले पीना चाहिए. भोजन के बीच में अगर पानी पीने की आवश्यकता पड़ती हो, तो ज्यादा से ज्यादा एक से दो घूंट पानी पीना चाहिए. भोजन के अंत में अगर कुछ पीना हो तो सबसे अच्छी चीज होती है छाछ. उसके बाद दूध, और ताजे फलों का जूस. इनके सेवन के लिए भी समय बताया गया है.
सुबह के नाश्ते के बाद ताजे फलों के जूस का सेवन करें. दोपहर के खाने के बाद छाछ का सेवन, और रात के खाने के बाद दूध का सेवन ही करना चाहिए.
इसके पीछे की वजह को ऋषि बागबट जी ने बताया है कि हमारे शरीर को ताजे फलों के जूस को पचाने के लिए जिस एंजाइम की जरूरत होती है वह सुबह होती है. और छाछ को पचाने के लिए जिस एंजाइम की जरूरत होती है वह दोपहर को होती है. और दूध पचाने के लिए जिस एंजाइम की जरूरत होती है वह रात में होता है.
यही वजह है की इस क्रम को कभी भी तोड़ना नहीं चाहिए.
पानी कैसे पिएं ?
हमेशा पानी को चुस्कियां ले लेकर ही पीना चाहिए. क्योंकि पेट में भोजन को पचाने के लिए अग्नि बनती है और हमारे मुंह में लार होती है. और घूट – घूट कर पानी पीने से ज्यादा से ज्यादा लार पेट में जाता है. जिससे पेट का अम्ल शांत होता है. ऐसे में पाचन शक्ति काफी मजबूत हो जाती है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है. साथ ही शरीर का वजन भी कंट्रोल में रहता है.
कैसा पानी पीना चाहिए ?
कभी भी पानी का तापमान शरीर के तापमान से ज्यादा नहीं होना चाहिए. कभी भी ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए. हमेशा गुनगुने पानी का ही सेवन करना चाहिए, क्योंकि ठंडा पानी पीने से पेट ठंडा हो जाता है और पूरे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. जिसकी वजह से कब्जियत की शिकायत भी होती है.
पानी पीने का उतम समय –
वैसे पानी पीने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का होता है. जब आप सोकर उठते हैं. बिना ब्रश किए, बिना कुल्ला किए सबसे पहले घूट – घूट कर पानी पीना चाहिए. इससे रात भर मुंह में जमा हुआ लार पेट के अंदर जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है.
आपने जाना कि पानी कब और कितना पीना चाहिए – जब थोड़ी सी सावधानी आपकी जिंदगी बदल सकती है. तो क्यों ना पानी पीने की अपनी आदतों को बदलें और बीमारियों को अपने से दूर रखें.