४ . रंग दे बसंती –
26 जनुअरी हो या 15 अगस्त . रंग दे बसंती का चलना हॉस्टल में एक अनकहा नियम है . हर हॉस्टल वाला ये फिल्म देखकर किसी न किसी किरदार से खुद को जोड़ ही लेता है . भगतसिंह तो वैसे भी सबके हीरो है और आज़ादी की लड़ाई को आज की लड़ाई के साथ मिलकर देखना एक अलग ही अनुभव है . रंग दे बसंती की हॉस्टल में पॉपुलैरिटी का एक कारण ये भी है की इस फिल्म के जरिये युवा बता सकते है की हम कितने ही बेपरवाह लगे पर कुछ कर गुजरने का माद्दा हम भी रखते है और मस्ती की पाठशाला तो हॉस्टल ही होता है न जहाँ टल्ली होकर ग्रेविटी के लेसन सीखते है और इश्क के प्रैक्टिकल करते है