समलैंगिक रिश्ते और समान सेक्स – परिवर्तन दुनिया का नियम है और चीजें हमेशा बदलती ही रहती हैं.
जो समाज के नियम कुछ 10 साल पहले थे वह आज नहीं हैं क्योकि पहले वाले लोग भी अब नहीं हैं. आज समलैंगिक रिश्तों को सही बताकर लड़की-लड़की शादियाँ कर रही हैं और लड़के-लड़के घर बसा रहे हैं.
विदेशी संस्कृति अब भारत की तरफ भी बढ़ रही है.
तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों समलैंगिक रिश्ते और समान सेक्स से शादी करना है इंसान के लिए नुकसानदायक-
समलैंगिक रिश्ते और समान सेक्स –
1. संसार की रचना रूकती है
ईश्वर ने स्त्री-पुरुष को अगर बनाया था तो वह किसी मजाक के लिए नहीं बनाया था. आज स्त्री-पुरुष के सम्बन्ध को मजाक बनाया जा रहा है. ईश्वर ने दोनों का वजूद इसीलिए उत्पन्न किया था ताकि संसार की रचना होती रहे. किन्तु समलैंगिक लोगों की वजह से इंसान का वजूद भी खतरे में पड़ेगा.
2. बिमारियों का घर हैं समलैंगिक लोग
यह बात हमारे ऋषि मुनि या शास्त्र भी बताते हैं कि समलैंगिकता शरीर के लिए सही नहीं है. जो व्यक्ति ऐसा होता है वह बिमारियों का घर बन जाता है. आप खुद देख लीजिये कि 95 प्रतिशत समलैंगिक लोग किसी न किसी बिमारी से ग्रसित हैं.
3. नेचुरल कानून को तोड़ रहे हैं समलैंगिक लोग
नेचुरल कानून बताता है कि पुरुष स्त्री के बिना अधूरा है और स्त्री का पुरुष के बिना वजूद नहीं है. लेकिन समलैंगिक लोग इस कानून को तोड़ रहे हैं. अगर यह कानून टूटता है तो इसका परिणाम सम्पूर्ण मानव जाति को भुगतना होगा.
4. आने वाली पीढ़ियों पर गलत प्रभाव पड़ता है
समाज में अगर समलैंगिक लोग बहुत ज्यादा बढ़ जायेंगे तो इससे आने वाली पीढ़ियों पर इसका बुरा परिणाम आएगा. जब लड़के को बचपन से यह दिखेगा कि एक लड़का-लड़के को प्यार करता है और उसी से शादी करता है तो वह भी यही करेगा.
5. समलैंगिक लोग बच्चे गोद ले रहे हैं
इससे बुरा तो कुछ हो ही नहीं सकता है कि एक बच्चा बिना बाप के या बिना माँ के जब बढ़ता है. माता-पिता ही एक बच्चे का सम्पूर्ण विकास कर सकते हैं. कुछ बातें बच्चे को माँ सिखाती है तो वहीँ कुछ बातें पिता से बच्चा सीखता है लेकिन अब यह नियम बिगड़ता दिख रहा है.
6. सेक्स बड़ी जरूरत है लेकिन समान साथी के साथ कैसे?
सेक्स को लेकर बड़ी किताबे लिखी गयी हैं, असल में सेक्स इंसान की एक बड़ी जरूरत बताई गयी है. स्त्री-पुरुष सेक्स करते हैं तो इससे इंसान की अपराध जैसी प्रवृत्ति भी शांत होती है किन्तु समान लोग कुछ समय तक तो खुश रहते हैं किन्तु कुछ समय बाद यह अपराधी की तरह जीने लगते हैं.
7. समलैंगिक लोग परिवार का निर्माण नहीं कर रहे हैं
आप इसको इस तरह से समझिये कि भारत में एक स्त्री-पुरुष शादी करते हैं और मरते दम तक साथ रहते हैं. इस बीच एक परिवार का निर्माण होता है और स्वस्थ्य परिवार का जन्म होता है. किन्तु समलैंगिक लोग तो मात्र कुछ साल बाद अलग हो रहे हैं और परिवार निर्माण तो यहाँ कुछ है ही नहीं.
8. समाज में इज्जत नहीं मिलती है इनको
आप बेशक कितने ही कानून बनवा लो और कानून के दम पर शादी भी कर लो किन्तु किसी भी देश का समाज समलैंगिक लोगों को इज्जत नहीं दे सकता है. यह लोग इज्जत की जिंदगी जी लेंगे ऐसा सोचना भी गलत है.
ये है समलैंगिक रिश्ते और समान सेक्स के नुकशान – तो इस तरह से यह बातें साबित करती हैं कि समलैंगिकता किस स्तर तक इंसान और उसके समाज को नुकसान पंहुचा रही है. जिस तरह से समलैंगिकता को धन के आधार पर सही साबित किया जा रहा है तो आने वाले समय में इसके भयंकर दुष्परिणाम भी इंसान को भुगतने ही पड़ेंगे.
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