होली जिसे हम रंगों का पवित्र त्योहार मानते हैं वह अब हमसे कुछ ही दिन दूर है.
होली हिन्दुओं का एक बड़ा पर्व है. जिस तरह दीपावली पर हमारे घररोशनी से भरते हैं उसी तरह से होली पर हमारे घर रंगों से भर जाते हैं.
इस बार पूर्णिमा 22 मार्च को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट से शुरु होगी एवं 23 मार्च तक चलेगी.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 22 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा प्रदोष कालमें तो है लेकिन साथ ही भद्रा भी 3 बजकर 13 मिनट से शुरु होकर 23 मार्च को प्रात: 4 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. जिसके चलते 23 मार्च को ही होलिका दहनकरना उचित होगा. लेकिन 23 मार्च को पूर्णिमा तीन प्रहर से अधिक समय और प्रतिपदा तिथि वृद्धि युक्त है. यानि पूर्णिमा तिथि समाप्त तो सांय 4:55 पर होजायेगी लेकिन प्रतिपदा वृद्धियुक्त होने से सांय 4:55 से लेकर सांय 5:31 तक होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा.
तो आइये जानें होलिका दहन वाली रात क्या करें कि साल भर हमपर लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहे-
तो अब आप इस होली की रात को इन आसान और सरल उपायों को कर अपने दुःख और कष्टों को भी खुद से दूर कर सकते हैं.
यह उपाय इतने सरल जरुरहैं किन्तु होली की रात को करने से इनकी शक्ति बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योकि इस समय नक्षत्र ही कुछ ऐसे होते हैं.
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