इतिहासकारों के अनुसार स्वास्तिक चिन्ह दो प्रकार का होता है. सकारात्मक और नकारात्मक .
सकारात्मक स्वास्तिक ऊपर की ओर होता है और नकारात्मक स्वास्तिक की भुजाएं नीचे की ओर होती है. प्राचीन सभ्यताओं के बारे में अध्ययन करने पर पता चलता है कि सबसे पहले स्वास्तिक चिन्ह उक्रेन में उपयोग किया गया था.