आज सैमसंग कपंनी दुनिया की सबसे ताकतवर कंपनियों में से एक बन चुकी है।
दुनियाभर के लोग इसके ब्रांड के स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिॉनिक गैजेट्स के साथ-साथ टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीश्नर आदि का इस्तेमाल करते हैं।
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के साथ मिलकर दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया। यह प्लांट नोएडा के सेक्टर 81 में 35 एकड़ से भी ज्यादा जमीन में फैला हुआ है।
सैमसंग का नाम स्मार्टफोन बनाने वाली दिग्गज कंपनियों में शुमार है। भारत में आज अधिकतर लोग सैमसंग का ही मोबाइल चलाते हैं लेकिन इसका कस्टमर होने के नाते क्या आप इस कंपनी का इतिहास जानते हैं ?
आज इस पोस्ट के ज़रिए हम आपको सैमसंग कंपनी का इतिहास बताने जा रहे हैं।
फोन नहीं बनाती थी सैमसंग कपंनी
आपको बता दें कि अपने शुरुआती दिनों में सैमसंग कंपनी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मशीनें नहीं बनाती थी। पहले ये एक खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनी के तौर पर काम करती थी।
सैमसंग कपंनी का इतिहास
बायुंग चुल ने सन् 1938 में सैमसंग की स्थापना की थी। उस समय ये कंपनी नूडल्स बनाने का सामान, आटा और मछली को चीन के समेत अन्य कई देशों में निर्यात करती थी। इसके बाद 1950 से 1960 तक कंपनी ने जीवन बीमा और टेक्सटाइल का बिजनेस किया और 1969 में टेक्नोलॉजी के सेक्टर में कदम रखा। बस तभी इस कंपनी को सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स का नाम मिला। उस समय सैमसंग कंपनी के सिर्फ टीवी ही बनते थे और 1970 में कंपनी का पहला ब्लैक एंड व्हाइट टीवी लॉन्च किया गया। टीवी के बाद कंपनी ने 1980 में मोबाइल फोन और मैमोरी कार्ड के अलावा कंप्यूटर के पार्ट्स भी बनाने शुरु किए।
इसके बाद सैमसंग कंपनी के नाम में चार चांद लगते चले गए। इसे इतनी सफलता मिली कि इसने दक्षिण कोरिया ही नहीं बल्कि अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी अपनी पैंठ जमा ली।
मालिक ने ही जला दिए थे लाखों फोन
साल 1995 में मार्केट में पहली बार सैमसंग का फोन आया था। इस फोन को नए साल के मौके पर तोहफे में दिया गया था। दुर्भाग्यवश ग्राहकों को ये फोन पसंद नहीं आया। उनके मुताबिक सैमसंग का फोन ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। जैसे ही कंपनी के मालिक बायुंग चुल को ये खबर मिली उन्होंने इंवेटरी में पड़े लाखों मोबाइल्स में आग लगा दी।
भारत में सैमसंग कपंनी के पहले प्लांट की बात करें तो इसकी शुरुआत 1996 में हुई थी। उस समय नोएडा में ही कंपनी की दो मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स लगीं थीं। इसके बाद कंपनी ने 1997 में टीवी बनाना शुरु किया। 2005 में मोबाइल बनाना शुरु किया और साल 2012 तक सैमसंग देश की सबसे दिग्गज मोबाइल कंपनियों में शामिल हो गई। नोएडा प्लांट में इस कंपनी ने सबसे पहले अपने गैलेक्सी एस3 डिवाइस को रोल आउट किया था।
वाकई में सैमसंग के इतने लंबे सफर के बारे में जानकर पता चलता है कि कोई भी बुलंदियों पर इतनी आसानी से नहीं पहुंच जाता है। इसके लिए उसे बहुत मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है।