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समोसा कहां से आया और कैसे हुई इसकी शुरुआत !

समोसे का इतिहास

समोसा…

नाम सुनते हीं मुंह में पानी आने लगता है.

ये समोसा एक ऐसा व्यंजन है जो हमारे देश की हर गली, मोहल्ले से लेकर फाइव स्टार होटलों तक में उपलब्ध है.

हर भारतीय का पसंदीदा व्यंजन है यह समोसा. बूढ़े हो या बच्चे शायद हीं कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे समोसा पसंद ना हो. लेकिन दोस्तों क्या आपको इस बात की जानकारी है कि आखिर ये समोसा आया कहां से?

कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत?

तो चलिए हम आपको बताते हैं समोसे का इतिहास.

आपके इस पसंदीदा व्यंजन समोसे का इतिहास बेहद पुराना है. इसकी खास बात ये है कि समोसे की शुरुआत हमारे देश भारत में नहीं, बल्कि किसी अन्य देश में हुई थी. जी हां दोस्तों समोसे का भारत में नहीं बल्कि दूसरे देश में इसका ईजाद हुआ था.

दरअसल समोसे का इतिहास इरान देश से जुड़ा हुआ है.

कहते हैं कि फारसी भाषा के ‘संबोसाग’ से निकला हुआ शब्द है समोसा. कुछ इतिहासकारों की माने तो गजनवी साम्राज्य के शाही दरबार में एक ‘नमकीन पेस्ट्री’ परोसी जाती थी और इस पेस्ट्री को मीट कीमा और सुखा मेवा भरकर बनाया जाता था.

इतिहासकारों के अनुसार भारत देश में 2000 साल पहले समोसा आया, जब आर्य भारत आए थे.

मध्य एशिया की पहाड़ियों से गुजरते हुए भारत पहुंचा था समोसा.

फिर भारत में आने के बाद कई तरह के बदलाव समोसे में किए गए. हम यहां जो समोसा खाते हैं उसमे कई तरह के स्वादिष्ट मसाले आलू के साथ मिलाकर भरे जाते हैं. कहते हैं सोलहवीं सदी में जब पुर्तगाली भारत आए, तब उन्होंने आलू लाया और उसी के बाद से समोसे में इसका इस्तेमाल शुरू हुआ था.

वैसे तो दोस्तों भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार के समोसे बनाए जाते हैं. कहीं पर पनीर भर कर तो कहीं ड्राई फ्रूट्स भरकर और कई प्रांतों में तो ऐसे समोसे भी बनाए जाते हैं, जो आपके खाने की कमी को पूरा कर देने वाले होते हैं.

ये है समोसे का इतिहास –