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69वें गणतंत्र दिवस के इतिहास की ये बातें सुन चौंक जाएंगें आप

गणतंत्र दिवस

हर साल 26 जनवरी के दिन भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

भारत के इतिहास में इस देश का बहुत महत्‍व है क्‍योंकि आज़ादी के बाद सन् 1950 में देश का संविधान लागू हुआ था। इस दिन संविधान लागू करने में योगदान देने वाले महान पूर्वजों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है।

आप भी हर साल गणतंत्र दिवस मनाते होंगें लेकिन क्‍या आप जानत हैं कि इसे हर साल क्‍यों मनाया जाता है ?

दोस्‍तों, हर साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे भारत का गौरवशाली इतिहास है। हर साल रिपब्लिक डे इसलिए मनाया जाता है ताकि नई पीढ़ी को अपने देश के इतिहास और गौरव के बारे में पता चल सके। हर पीढ़ी को भारत के इतिहास से रूबरू करवाने के लिए ही इस दिन को खासतौर पर मनाया जाता है।

आइए जानते हैं गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ दिलचस्‍प बातें :

जब संविधान लागू हुआ था तब इसके निर्माताओं के द्वारा सोचा गया था कि इसे ऐसे दिन मनाया जाएगा जो राष्‍ट्रीय के गौरव से जुड़ा हो और इसके लिए सबसे अच्‍छी पसंद ‘पूर्ण स्‍वराज दिवस’ था जोकि 26 जनवरी के दिन होता है। 26 जनवरी 1930 को लाहौर में हुई बैठक में 26 जनवरी को पूर्ण स्‍वराज दिवस के रूप में मनाने की घोषणा हुई थी।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसके 448 आर्टिकल्‍स 22 हिस्‍सों, 12 शेड्यूल और 97 संशोधन है। इसे बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान के वास्‍तुकार डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्‍यक्ष थे।

भारतीय संविधान को हाथ से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं मे लिखा गया है। हाथ से लिखी गई संविधान की  मूल कॉपी को हीलियम से भरे बॉक्‍सों में संसद भवन के पुस्‍तकालय में सुरक्षित रखा गया है।

हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्‍ली के इंडिया गेट पर परेड निकलती है जिसमें एक क्रिश्‍चियन गाना ‘अबाइड विद मी’ बजाया जाता है। मान्‍यता है कि ये गाना गांधी जी के पसंदीदा गीतों में से एक है।

गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्‍ली के राजपथ पर हुई थी और भारत के प्रथम राष्‍ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को राष्‍ट्रपति पद के लिए शपथ ली थी।

26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान को अडॉप्‍ट किया गया था और संविधान सभा के सदस्‍यों ने 24 जनवरी, 1950 को इस पर हस्‍ताक्षर किए थे। इस पर कुल 284 सदस्‍यों ने हस्‍ताक्षर किए थे। जिस दिन संविधान पर हस्‍ताक्षर हुए थे उस दिन बहुत तेज बारिश आई थी और लोगों ने इसे शुभ संकेत माना था।

भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्‍य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति सुकर्णो आए थे।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के वीर और बहादुर नागरिकों को वीर चक्र, महावीर चक्र, परमवीर चक्र, कीर्ति चक्र और अशोक चक्र जैसे अवॉर्ड से सम्‍मानित किया जाता है।

भारत का संविधान दुनियाभर के लिए बहुत रोचक है और इसके बारे में ये बातें जानने के बाद आपको भी अपने देश पर जरूर गौरव महसूस हो रहा होगा। यंगिस्‍तान की ओर से सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।