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छोटा पर्दा चला अब इतिहास की ओर

mahadev

एक दौर था जब हमारा टेलीविज़न यानी छोटा-पर्दा, केवल इसी तरह की कहानियों को चलाता था, जिसमें घर की लड़ाई और सास-बहु का झगड़ा होता था.

उस दौर में हमारे निर्देशक, ये आरोप लगाते थे कि हमारे पास हमारे दर्शकों का ओपिनियन है, वे यही सब देखना चाहते हैं और हम उन्हें निराश नही कर सकते हैं.

इस दौर में हमारा टेलीविज़न एक बनी बनाई राह पर ही चल रहा था. हर कहानी, घर से शुरू होती थी और घर में ही खत्म हो जाती थी. आपको याद होगा की जब ‘चाणक्य’ सीरियल दूरदर्शन पर आया, तो सभी को ये काफी पसंद आया था.

Chanakya

Chanakya

लगभग 21 साल पहले दूरदर्शन पर ‘चाणक्य’ सीरियल का प्रसारण हुआ था। इसके निर्देशक डां चन्द्रप्रकाश द्विवेदी ने अपनी पटकथा, निर्देशन और अभिनय से इसे इतनी खूबसूरती से बनाया था कि  मौर्या वंश का वह काल जीवित हो उठा था। हालांकि दूरदर्शन ने शायद अपनी कुछ दिक्कतों के चलते ही सही, लेकिन भारतीय इतिहास के कुछ पन्नों को ज़रूर छुआ था. पर वर्तमान में अचानक से ही ना जाने क्या हुआ है कि अभी छोटे परदे पर ऐतिहासिक धारावाहिकों की बाढ़ सी आ गयी है. बंद हुए चैनल इमेजिन ने हालाँकि इस ओर काफी काम किया था और अपने इन्हीं ऐतिहासिक कार्यक्रमों की वजह से अपनी एक अलग पहचान भी बनाने में वह चैनल कामयाब रहा था. इसको अब सभी अन्य लोग भुनाने में लगे हुए हैं.

Veer Shivaji

Veer Shivaji

आप अब हर चैनल पर इनको देख सकते हैं. ‘देवो के देव महादेव- लाइफ ओके’, ‘सम्राट अशोक- कलर्स’ ,’सिंहासन बत्तीसी- सोनीपल’ , ‘झाँसी की रानी- जी अनमोल’ , ‘वीर पुत्र महाराणा प्रताप- सोनी’, वीर शिवाजी- कलर्स’ आदि. अभी जल्द ही कुछ नये सीरियल भी आपको नज़र आने लग जायेंगे.

Samrat Ashoka

Samrat Ashoka

सबसे आगे ‘जोधा अकबर’ रहा जो, जी टीवी पर प्रसारित किया गया. रजत टोकस जो एकता कपूर के साथ धारावाहिक ‘तेरे लिए’ में कार्य कर चुके हैं, इन्हें अकबर की मुख्य भूमिका के लिए लिया गया. लगभग 7000 साक्षात्कार करने के बाद इसमें परिधि शर्मा को जोधा की मुख्य भूमिका के लिए चुना गया.

Jodha Akbar

Jodha Akbar

‘देवो के देव महादेव’ को जगह दी, लाइफ ओके ने. इसमें हिन्दू भगवान शिव का चित्रण किया गया. वैसे हाल ही में इसके बंद होने की खबर भी आ रही है.

अब हमारे निर्माता और निर्देशक इस बात को समझ चुके हैं कि इस तरह के ऐतिहासिक कहानियों को हमारे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं और हमारा इतिहास भी लोगों तक पहुच रहा है. इसी क्रम में हमारे दर्शकों तक कई छुपी हुई कहानियां भी आने लगी हैं. चलो अब हम देर से ही सही, लेकिन सही राह की ओर निकल पड़े हैं. ये वक़्त की जरूरत भी थी, वरना हमारे लोग जल्द ही इस विरासत को भूलने की कगार पर खड़े हुए थे.