इतिहास की गलतियां – इंसान गलतियों का पुतला है ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन इतनी बड़ी गलतियों का ये शायद ही आपने जाना होगा.
दोस्तो आज हम आपको इंसान की उन गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इतिहास की सबसे महंगा नुकसान मानी गई हैं.
इतिहास की गलतियां –
१ – टाइटैनिक जहाज
टाइटैनिक के बारे में हमे आपको बताने की ज्यादा जरूरत नहीं है हम सभी जानते हैं कि टाइटैनिक कौन सा जहाज था और उसके साथ क्या हुआ था. वह जहाज दुर्घतनाग्रस्त होकर जलमग्न हो गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर उस दुर्घटना में एक चाबी मौजूद होती तो शायद बहुत सी जाने बच जाती.
दरअसल हुआ यु कि जहाज के कप्तान को आखिरी समय पर “डेविडब्लेयर” के बदले “चार्ल्सलाइटोलर” से बदल दिया. लेकिन एक छोटी सी भूल के कारण डेविड उस लॉकर की चाबी देना भूल गए जिस में जहाज की सभी दूरबीन मौजूद थी. टाइटैनिक जहाज के लुकआउट पर तैनात “फैडरिकफीलीट” ने बताया कि अगर उनके पास दूरबीन होती तो वह आइसबर्ह को काफी पहले देख लेते और ये दुर्घटना होने से बच जाती.
२ – हिरोशिमा बम विस्फोट
इस दुर्घटना के बारे में भी लगभग हम सभी जानते हैं. यह दुर्घटना मात्र एक गलत शब्द के ट्रांसलेशन के कारण हुई थी. विश्व युद्ध के दौरान सहयोगी देशो ने जापान को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया जिसके जवाब में किटोरीसुजुकी ने लिखा “मोकूसातसू” इस शब्द के जपानी भाषा में कई मतलब हैं. सुजुकी का मोकूसातसू शब्द से अभिप्राय था की जापान इस बारे में विचार कर रहा है जबकि दुर्भाग्य पूर्ण ट्रांसलेटर ने इस शब्द का गलत अनुवाद निकालते हुए कहा कि जापानी सरकार सहयोगी देशों की युद्ध विराम की दरखास्त को नजर अंदाज कर रहा है, जिस कारण 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने हिरोशिमा पर बमबारी कर दी, जिसने जापान की पुरी अर्थव्यवस्था तहस-महस कर दी. यह गलती जापान के साथ- साथ कई और देशों को बेहद महंगी साबित हुई.
३ – बर्लिनवॉल
सन 1989 में ये दुर्घटना एक गवेन्टर की मामूली गलती के कारण हुई थी. जर्मनी के ग्वेन्टर ने अपनी स्पीच को पूरी तरह से ना पड़ते हुए कहा की इस्ट और वेस्ट जर्मनी के बीच की दीवार को गिरा दिया जाएगा जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा की ऐसा कब होगा तो उन्होंने हडबडाहट में जवाब दे दिया कि जल्द से जल्द जबकि उन्हें कहना था की आगे जाकर भविष्य में ऐसा कर दिया जाएगा. इस गलती के कारण इस्टे और वेस्टजर्मनी की बॉर्डर पर सेकंडों लोग इक्कठा हो गए और दंगे फसाद जैसा माहौल बन गया. इस हादसे में अनेको लोगों की जान गई और सरकार को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा.
४ – स्पिनच द सूप्रफूड
स्पिनच यानी पालक पर एक अध्ययन किया गया जिसकी रिपोर्ट में केमिस्ट डॉक्टर ने गलती से 3.5 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम आयरन की मात्रा की जगह 35 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम मात्रा लिख दिया. इस रिपोर्ट की जांच पड़ताल किए बिना इसे छाप दिया गया और यह दुनिया भर में फैल गई. इस रिपोर्ट के कारण पालक को स्पिनच द सूपरफूड बुलाया जाने लगा. यहाँ तक की इस पर एक बेहद फेमसकार्टूनपोपाय द सेलरमैन नाम का कार्टून भी बना दिया गया. अगर ये भूल ना हुई होती तो शायद आज यह अवधारण प्रचलित ना होता कि पालक में आयरन की मात्रा सबसे अधिक होती है और शायद हमारा किताबी इतिहास थोड़ा अलग होता.
ये है इतिहास की गलतियां – दोस्तों अगर ये सब गलतिया इतिहास में नहीं हुई होती तो आज को हमारा वर्तमान काफी बेहतर हो सकता था.
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