रामेश्वरम् मंदिर की ऐतिहासिक बातें – चार धाम में से एक है तलिमनाडु में स्थित रामेश्वरम् ।
कहते हैं कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना स्वयं श्रीराम ने की थी वो भी लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व। इस कारण हिंदू धर्म में रामेश्वरम् का अत्यधिक महत्व है। पाप की मुक्ति के लिए रामेश्वरम् को सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है।
आज हम आपको बताएँगे रामेश्वरम् मंदिर की ऐतिहासिक बातें –
1 – रामेश्वरम् में स्थापित शिवलिंग भगवान शिव के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रामेश्वरम् धाम के दर्शन करने का बहुत महत्व है।
2 – किवदंती है कि रावण से युद्ध करने से पूर्व श्रीराम को आभास हुआ कि उन्हें रावण को हराने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न करने की जरूरत है वरना युद्ध जीतना असंभव है। तब श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व समुद्र किनारे पर शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा की थी। वर्तमान में स्थापित रामेश्वरम् वही स्थान है।
3 – चार धामों में से एक रामेश्वरम् में मीठे जल के 24 कुएं स्थापित हैं। कहा जाता है कि भगवान राम ने अपनी वानर सेना की प्यास बुझाने के लिए अपने बाणों से इन कुओं की रचना की थी। आज 2 कुएं सूख चुके हैं। मान्यता है कि इन कुओं के पानी का सेवन करने से मनुष्य के जन्मों-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं।
4 – कहते हैं कि पीड़ा से व्यथित कोई भक्त यदि रामेश्वरम् के दर्शन करता है तो उसकी पीड़ा शिव और श्रीराम के आशीर्वाद से दूर हो जाती है। यहां आने पर भक्तों का पुर्नजन्म होता है।
5 – कहा जाता है कि युद्ध समाप्त होने के पश्चात् श्रीराम को भगवान शिव की उपासना करनी थी और इस कार्य के लिए हनुमान जी को शिवलिंग लेने कैलाश पर्वत भेजा गया। तब हनुमान जी को आने में देर हो गई और पूजा का मुहूर्त निकलते देख माता सीता ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया था। तब श्रीराम ने इस शिवलिंग की पूजा की थी। पूजा संपन्न होते देख हनुमान जी को बेहद दुख हुआ कि उनका जाना व्यर्थ हुआ तब श्रीराम ने हनुमान जी को रेत का शिवलिंग ढहाकर वहां पर स्वयं का लाया हुआ शिवलिंग स्थापित करने का आदेश दिया। किंतु हुनमान जी इस रेत के शिवलिंग को हटा नहीं पाए थे।
6 – भगवान शिव पर आधारित शिवपुराण में भी रामेश्वरम् की महिमा का बखान किया गया है।
7 – रामेश्वरम् मंदिर की शिल्पकला और वास्तुकला भी अद्भुत है। इस मंदिर की रचना में द्रविड शैली की झलक देखने को मिलती है। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं।
8 – मान्यता है कि रामेश्वरम् धाम में शिवलिंग का अभिषेक करने से उस व्यक्ति के साथ-साथ उसकी सातों पीढियों के पाप भी कट जाते हैं और भगवान शिव उसके परिवार की सदा रक्षा करते हैं। कहते हैं कि यहां आने वाले जीव को आवागमन से मुक्ति मिलती है।
9 – रामेश्वरम् आए श्रद्धालुओं की यात्रा तभी संपन्न होती है जब वे इसके निकट स्थित अन्य तीर्थस्थलों के दर्शन करते हैं। रामेश्वरम् के पास हनुमान कुंड, अमृत वाटिका और बराम तीर्थ जैसे दार्शनिक और धार्मिक स्थल भी हैं।
10 – किवदंती है कि रामेश्वरम् के ही निकट एक स्थान पर श्रीराम और विभीषण की भेंट हुई थी। वर्तमान समय में इस स्थान पर भी एक मंदिर बना हुआ है।
ये है रामेश्वरम् मंदिर की ऐतिहासिक बातें – रामायण काल से जुड़े इस मंदिर का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। पौराणिक कथाओं में भी रामेश्वरम् की महिमा का उल्लेख मिलता है।
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