इस मुस्लिम के शासनकाल में हिन्दू दीवारों में चुनवा दिए जाते थे और कसाईखानों में कटवा दिए जाते थे !
हिन्दुओं ने भारत देश में ही इतना अत्याचार सहा है जितना शायद मुस्लिमों ने भी भारत के अन्दर नहीं सहन किया होगा.
असल में मुस्लिम लोगों को अत्याचार का सामना केवल अंग्रेजी शासन में ही करना पड़ा था. किन्तु हिन्दुओं पर अत्याचार की कहानी काफी लम्बी है. भारत आजाद हुआ तो हिन्दुओं ने सबकुछ भुलाकर बस भारत को भाईचारे के साथ रहने लायक बना दिया. यही तो वह बात है जिसके कारण सनातन की हस्ती कभी मिटती नहीं है.
सब कुछ भुलाकर जो जिस धर्म का है वह उस धर्म का पालन करे, यही बात सनातन धर्म सिखाता है.
तैमूर लंग जो सन 1399 में भारत आया था और इसने हिन्दुओं पर सबसे क्रूर प्रहार किये हैं. इतिहास की पुस्तकें बताती हैं कि तैमूर लंग ने हिन्दुओं को तंदूर में भूना था. वैसे आज के भारत के मुस्लिमों ने कभी हिन्दुओं पर अत्याचार नहीं किये हैं बल्कि जो मुस्लिम शासक बाहर से आ रहे थे उनका मकसद भारत को लूटना और हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन ही था.
इसीलिए तैमूर लंग ने हिन्दू मंदिरों को तोड़ा और हिन्दुओं को कसाई खाने में काटने के लिए भेजा था. कसाई खानों के अंदर हिन्दू जानवरों की तरह कटा करते थे.
तो आज हम आपको तैमूर लंग के अत्याचारों की एक झलक दिखाने वाले हैं क्योकि तैमूर लंग के सच को जानना पाठकों के लिए बेहद जरुरी है-
समरकंद का शासक बना था तैमूर लंग
सन् 1369 ईस्वी में समरकंद का शासक बना था.
कहीं से तैमूर लंगको खबर लगी थी कि हिन्दुस्थान के अन्दर काफी खजाना है किन्तु यहाँ के हिन्दूओं से लड़ना मुश्किल काम है. इसलिए तैमूर लंग के बड़ी भारी सेना जोड़ी और दिल्ली की तरफ प्रस्थान किया था. ऐसा बताया जाता है कि भारत आते ही उसने अंपनी क्रूरता का डर हिन्दुओं के दिल में बनाने के लिए कुछ दो हजार जिन्दा हिन्दुओं को दीवार में जिन्दा चिनवा दिया था.
तैमूर लंग के इस क्रूरतापूर्ण काम से जैसे हाहाकार होने लगा था.
तभी दिल्ली को बनाया था कसाईखाना
तैमूर लंग का मकसद भारत के अंदर बस लूट करनी थी.
इसके अलावा वह हिन्दुओं से बेहद अधिक नफरत करता था. इसलिए इसने दिल्ली को अपने थोड़े से शासनकाल में कसाईखाना बना दिया था. इतिहास की कुछ किताबें कहती हैं कि यह समय सन 1399 का था. उत्तर भारत में तब तुगलक साम्राज्य था और तैमूर ने ही तुगलक साम्राज्य का अंत किया था. दिल्ली के अंदर तैमूर कुछ 15 दिन रहा था और यहाँ इसने हिन्दुओं को कसाईखाने में कटवाया था. गाय की हत्या कर यह खुद को बड़ा साबित करने में लगा था.
भारत में रहने वाले मुस्लिमों ने भी वैसे तैमूर लंग का विरोध किया था किन्तु इसका डर ऐसा था जो किसी को खुलकर बुलंद बोलने नहीं देता था.
बाद में तैमूर लंग कुछ 15 दिन दिल्ली रहा था और यहाँ इसने हिन्दू इतिहास का एक काला पन्ना लिख दिया था. वापस समरकंद जाते हुए तैमूर लंग ने कश्मीर को भी लूटा था और इसी तरह से वहां अत्याचार किया था.
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