केरल देश का सबसे साक्षर राज्य होने के साथ साथ बेहद शांतिप्रिय राज्य भी माना जाता है.
लेकिन पिछले कुछ सालों से केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं.
केरल हिन्दुओं के लिए स्मशानघाट भी बनता जा रहा है. बड़े स्तर पर केरल में धर्म-परिवर्तन भी हो रहा है और साथ ही साथ केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार भी हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जहाँ पूरा देश और देश का मीडिया मानव अधिकारों की बात करता है, वहीं केरल के मामले में सभी शांत हो जाते हैं.
तो आगे बढ़ने से पहले आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ मामले, जिनमें केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार किया गया और किसी भी नेता और मंत्री को उनकी गुहार नहीं सुनाई दी-
आरएसएस व भाजपा कार्यकर्ता की तलवार से हत्या
केरल के कन्नूर जिले में 28 वर्षीय पी.वी.सुजीत की धारदार हथियारों से सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने पापिनिस्सेरी में उनके माता-पिता के सामने ही हत्या कर दी थी.
पी. वी. सुजीत एक आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता थे, उन पर करीब 10 लोगों ने अर्धरात्रि में उनके घर में घुसकर तब धावा बोला जब वह घर में अकेले थे. उन्होंने सुजीत, उसके माता-पिता और उनके भाई की पिटाई कर सुजीत पर तलवार से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था.
एक घटना का विरोध जिस स्तर तक होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ. क्योकि मरने वाला व्यक्ति हिन्दू था शायद इसलिए इस खबर को किसी ने भी आवाज नहीं दी थी.
लव जेहाद में फंसा केरल
केरल के कोची स्थित एर्नाकुलम महाराजा महाविद्यालय में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही 23 वर्षीय अनुजा ने लव जिहाद के चलते मौत को गले लगा लिया. 15 मई 2015 को उन्निचीरा गांव के उसके घर में उसका शव पंखे से लटकता पाया गया. युवती के पिता ने दावा किया कि यह आत्महत्या नहीं है, अनुजा की हत्या की गई है .
उन्होंने बताया था कि अनुजा फेसबुक के माध्यम से खलीम नामक युवक से मिली जो कि पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक जिहादी संगठन का सदस्य है. खलीम अनेक आपराधिक प्रकरणों में फंसा था, वह कारागार में भी रहा था. भाजपा कार्यकर्ता मणिकन्थन की हत्या का वह प्रमुख आरोपी है. अन्य पांच हत्या-प्रकरणों में भी उसका नाम है. उसके नेतृत्व में हिंदु और ईसाई मिलाकर कुल छह युवतियों का धर्मांतरण हुआ है.
वैसे कुछ हिन्दू संगठन बताते हैं कि देश में लव जिहाद की शुरुआत ही केरल से हुई है. यह तो एक मामला है जो मीडिया में आ गया था लेकिन हर महीने केरल में सैकड़ों मामले लव जिहाद जे हो रहे हैं. हिन्दू लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन कोई भी हिन्दू लड़कियों की आवाज नहीं बन रहा है.
कन्नूर पर हिंसक हमले आम बात
कन्नूर, जो कि केरल के उत्तर में स्थित एक जिला है, मार्कसिस्ट आतंक से लम्बे समय त्रस्त है. यहां आए दिन हिन्दू कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले होते रहते हैं और केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ रहा है.
अप्रैल 1996 – बीजेपी कन्नूर जिले के जनरल सेक्रेटरी पन्नियानूर चंद्रन की हत्या उस समय कर दी गयी जब वे अपनी पत्नी के साथ मोटर साइकल पर जा रहे थे.
दिसंबर 1999 – बीजेपी युवा मोर्चा के राज्य उपाध्यक्ष के. टी. जयकृष्णन की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गयी जब वे पूर्व मोकेरी (कन्नूर) के उच्च-प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहे थे. जाने के पहले हमलावर डरे हुए बच्चों को श्यामपट्ट पर ये धमकी लिखकर गए की वे इस घटना का सबूत न दें.
मार्च 2007– पांच आरएसएस कार्यकर्ताओं को दो दिनों में कन्नूर जिले के विभिन्न स्थानों पर हत्या कर दी गयी.
दिसंबर 2013– 35 वर्षीय विनोद कुमार, जो एक भाजपा कार्यकर्ता थे, की सीपीआई-एम के लोगों ने कन्नूर के पय्यानुर नामक स्थान पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी.
सितम्बर 2014 – आरएसएस के 42 वर्षीय इलमथोत्तातिल मनोज की कार पर सी.पी.एम. के गुण्डों ने पहले बम फेंके और फिर धारदार हथियारों से हत्या कर दी गयी और उनके मित्र प्रमोद को घायल कर दिया.
तो केरल के इस राज्य में हिन्दुओं को आये दिन मार दिया जाता है, केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ रहा है, और कोई भी कुछ नहीं कर सकता है. असल में केरल में हिन्दुओं पर अत्याचार इसलिए हो रहे हैं ताकि यहाँ के हिन्दू अपने घरों को छोड़कर यहाँ से चले जायें.
पदन्ना गांव आईएस संगठन की जद में आया
केरल के कासकेरल के कासरगोड जिले का पदन्ना गांव ऐसे व्यापारियों के लिए जाना जाता है, जो अपनी किस्मत लिखने अरब जाते हैं. माइग्रेशन यहां के डीएनए में है. विदेशी कमाई से इस गांव के आलीशान घरों के आगे लग्जरी कारों की लाइन लग गई है. गांव के ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे हैं. लेकिन अब इस गांव पर आतंकी संगठन आईएस से जुड़ने का कलंक लग गया है. केरल के लापता 21 लोगों में से 11 इसी गांव के हैं. कहा जा रहा है कि ये सीरिया जाकर आईएस में शामिल हो गए हैं. पदन्ना से लापता लोगों में डॉक्टर, इंजीनियर और मैनेजमेंट प्रफेशनल हैं, जो खाड़ी देशों में मोटी सैलरी वाली जॉब करते थे.
तो यह घटना बता रही है कि केरल के ऊपर आतंकी संगठनों की कैसे नजर है. यहाँ के लोग भारत आकर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं. यह काफी चिंता का विषय है. आतंकी संगठन इन लोगों के दिमाग में यह बात बैठा रहे हैं कि हिन्दू इन लोगों के दुश्मन हैं.
पदन्ना गांव में मुस्लिम ज्यादा
पदन्ना गांव में मुस्लिम ज्यादा हैं. हालांकि सभी अलग-अलग मुस्लिम मूवमेंट के फॉलोवर हैं.
ईके सुन्नी, एपी सुन्नी, द केरल नद्वाथुल मुजाहिद्दीन, द ताब्लिघ-ए-जमा’ इसमें प्रमुख हैं. इन सभी की अपनी अलग-अलग मस्जिदें, मदरसा और यहां तक कि लाइब्रेरी भी हैं. यही वजह है कि चार किमी के दायरे वाले इस गांव में 35 मस्जिदें हैं. मस्जिदों के बीच कुछ ही मंदिर हैं.
तो असल में केरल के हिन्दू दबी जुबान में अब बोलने लगे हैं कि कोई यहाँ आये और इनको बचाकर यहाँ से ले जाए.
लेकिन केरल के ऊपर अभी तक किसी की नजर नहीं गयी है. केरल धीरे-धीरे देश से अलग होता जा रहा है और देश का मीडिया व देश के बुद्धिजीवी शांति से बैठे हुए हैं.
शायद अब वक़्त आ गया है कि केरल को पाकिस्तान बनने से बचाया जाये.