अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन बहुत दूर नहीं जब भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा।
आजादी के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी जिस तेजी से घट रही है उसको देखते हुए तो यही अनुमान लगाया जा रहा है।
आपको बता दें कि यह अनुमान लगाने वाला कोई भारतीय नहीं बल्कि यह कहना है बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बरकत का।
बांग्लादेश में हाल में हिंदुओं और मंदिरों पर हमले के बाद यह खबर चिंता पैदा करने वाली है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 1951 की जनगणना के अनुसार देश में हिन्दुओं की आबादी 22 फीसदी थी जो वर्ष 1974 में घटकर केवल 14 प्रतिशत रह गयी और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या वहां पर कुल आबादी का केवल 8.4 फीसदी रह गयी थी।
मुस्लिम बहुसंख्यक समुदाय द्वारा जिस प्रकार बांग्लादेश में हिंदुओं को प्रताड़ित करके वहां से भागने पर मजबूर किया जा रहा है, यदि पलायन की यह मौजूदा दर आने वाले समय में भी जारी रहती है तो बांग्लादेश में अब से 30 साल बाद कोई हिंदू नहीं बचेगा। क्योंकि हर दिन देश से अल्पसंख्यक समुदाय के औसतन 632 लोग मुस्लिम बहुल देश को छोड़कर जा रहे हैं।
यह बात बांग्लोदश के जाने-माने अर्थशास्त्री और ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बरकत ने कही है।
उनका कहना है कि पिछले 49 वर्षों से जिस दर से हिंदुओं का पलायन हो रहा है की उस दिशा की ओर इशारा करती है। अपनी पुस्तक पॉलिटिकल इकॉनमी ऑफ रिफॉर्मिंग एग्रीकल्चर-लैंड वाटर बॉडीज इन बांग्लादेश में बरकत ने लिखा है कि अब से तीन दशक बाद देश में कोई हिंदू नहीं बचेगा।
गौरतलब है कि यह पुस्तक 19 नवंबर को प्रकाशित की गई। इस पुस्तक में तथ्यों के साथ आकंड़े प्रस्तुत कर बताया गया है कि वर्ष 1964 से 2013 के बीच तकरीबन 1.13 करोड़ हिंदुओं ने धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव की वजह से बांग्लादेश छोड़ा। अर्थात प्रतिदिन औसतन 632 हिंदुओं ने देश छोड़ा है। इस हिसाब से सालाना दो लाख 30 हजार 612 हिंदुओं ने देश छोड़ा।
ऐसा नहीं है कि भारत का पड़ोसी बांग्लादेश ही एक मात्र देश है जहां से उत्पीड़न के कारण हिंदू पलायन कर रहे हैं।
पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान का भी यही हाल है। आजादी के समय पाकिस्तान में हिंदुओं की कुल आबादी 25 प्रतिशत थी। जो अब घटकर कुल आबादी की मात्र 1.6 प्रतिशत रह गई है।
बहराल, जब बांग्लोदश में हिंदुओं की घटती आबादी और हमलों को लेकर चर्चा हो रही थी तो उस बीच एक अन्य रिपोर्ट भी आई थी। बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो (बीबीएस) द्वारा जारी आंकड़ों में दावा किया गया था कि मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में एक वर्ष के दौरान हिन्दुओं की संख्या में करीब एक फीसदी का इजाफा हुआ है।
वर्ष 2014 में देश में हिन्दुओं की आबादी 1.55 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 1.70 करोड़ हो गयी है। देश की कुल जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी 10.7 प्रतिशत हो गयी है। यानी बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या में एक वर्ष के दौरान 15 लाख की वृद्धि हुई।
लेकिन इन रिपोर्टों के तमाम दावों और आकंड़ों के विपरीत बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और देश से पलायन की घटनाओं से बांग्लादेश की सरकार मुंह नहीं चुरा सकती है।