3. महर्षि सुश्रुत-
महर्षि सुश्रुत को शल्यचिकित्सा का आविष्कारक माना जाता हैं. शल्य चिकित्सा को सर्जरी भी कहा जाता हैं. महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखे गए “सुश्रुतसंहिता” में उन्होंने करीब 300 तरह की शल्य क्रिया का उल्लेख किया हैं. उनके द्वारा ही सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उन के उपयोग की विधि महर्षि सुश्रुत द्वारा ही लिखी गयी थी.