ईसाई धर्म से पहले रूस में हिंदू धर्म था
कहा जाता है कि प्राचीनकाल में रूस में लोग जिन शक्तियों की आराधना करते थे उन्हें तथाकथित विद्वानों की भाषा में प्रकृति-पूजा कहकर पुकारते हैं.
वे अग्नि, सूर्य, पर्वत, वायु या पवित्र पेड़ों की पूजा किया करते थे, जैसा कि आज भारत में हिन्दू करता है.
उस वक्त रूस में लोगों के सबसे प्रमुख देवता थे – विद्युत देवता या बिजली देवता. आसमान में चमकने वाले इस वज्र-देवता का नाम पेरून था. कोई भी संधि या समझौता करते हुए पेरून देवता की ही कसमें खाई जाती थीं.
इस मामले में कुछ विद्वानों का कहना है कि प्राचीनकाल में रूस के लोगों द्वारा की जाने वाली प्रकृति की पूजा काफी हद तक हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों से मिलती-जुलती थी.
प्राचीनकाल में रूस के और दो देवता हुआ करते थे जिनके नाम थे रोग और स्वारोग. इसके साथ ही उस वक्त सूर्य देवता को होर्स, यारीला और दाझबोग के नाम से जाना जाता था.
एक हज़ार साल पहले रूस में कुछ मशहूर देवियां भी थीं बिरिगिन्या, दीवा, जीवा, लादा, मकोश और मरेना नाम से जाना जाता था.